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सर्व शिक्षा अभियान -Sarva Shiksha Abhiyan CTET Notes

By Roshan Ekka

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सर्व शिक्षा अभियान ( Sarva Shiksha Abhiyan )

प्रिय विद्यार्थियों, आज हम इस लेख द्वारा आपके साथ सीटेट के नोट्स-2020 साझा कर रहे हैं- जिसमें हम आपको हिंदी में सर्व शिक्षा अभियान Sarva Shiksha Abhiyan की पूरी जानकारी दे रहे हैं, आशा है कि आप को सर्व शिक्षा अभियान से संबंधित सभी बातें अच्छे से समझ आ जाएगी। अगर आप CTET की तयारी कर रहे हो तो आप को मे बता देता हु की आप को ये नोट्स बहुत हेल्प करेगे क्यों की CTET मे सर्व शिक्षा अभियान से एक दो Question जरुर पूछे जाते है, और यदि आप B.Ed कर रहे हो तो भी आप को ये Notes बहुत हेल्प करेगे Sarva Shiksha Abhiyan B.Ed Notes, और यदि आप किसी भी Teaching Entrence Exam की तयारी कर रहे है तो भी आप को सर्व शिक्षा अभियान के बारे मे सभी जानकारी होनी चाहिए क्यों की सभी टीचिंग एग्जाम मे Sarva Shiksha Abhiyan से Question पूछे जाते है। समावेशी शिक्षा और विशिष्ट बालको के सांदर्भ मे शिक्षा अभियान की भूमिका महत्वपूर्ण है। सर्वशिक्षा अभियान एक ऐतिहासिक प्रयास है, जिसका उद्देश्य कई निकायों की सहभागितोओ द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाना है। जिससे देश शिक्षा विशेषकर प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने की अप्रेक्षा की गई है इसका उद्देश्य तीव्रतम 6 – 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना है। सर्व शिक्षा अभियान एक निशचित और समय बद्ध कार्यक्रम है जो सार्वभौमिक प्राथामिक शिक्षा से सम्बध रखता है।

यह देश भर में गुणात्मक प्राथमिक शिक्षा की माँग को पूरा करने का समेकित प्रयास है। यह आधारभूत शिक्षा के माध्यम से समानता व सामजिक न्याय के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक प्रयास है। यह अभियान केन्द्र – राज्य व स्थानीय सरकरों के बीच भागीदारी है।

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सर्वशिक्षा अभियान की आवश्यकता ( Need of Sarva Shiksha Abhiyan):

भारतीय संविधान के द्वारा एक ऐसे समानता पूर्ण समाज की कल्पना की गई है जिसमें सभी को सामाजिक न्याय उपलब्ध कराया जा सके। और इसे प्राप्त करने के लिए कई प्रावधान भी संविधान में किए गए है। जैसे – भारतीय सविधान में 86 वें संवैधानिक संशोधन के द्वारा 2002 में शिक्षा के अधिकार को मूल अधिकार बनाया है। और सविधान के द्वारा 2002 में शिक्षा के अधिकार में स्पष्ट कहा गया है कि राज्य ऐसे सभी बच्चों को जो 14 वर्ष की आयु पूरी कर चुके है उन्हें निः शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा के अधिकार में स्पष्ट कहा गया है कि राज्य ऐसे सभी बच्चों को जो 14 वर्ष की आयु पूरी कर चुके है उन्हें निः शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करेगा। यह लक्ष्य अभी भी अधूरा है इसलिए यह अभियान तब तक चलता रहेगा जब तब कि इस लक्ष्य को नहीं किया जाता है।

ऐसा नही है कि इस दिशा में कोई प्रयास नही हुए हैै। यदि आँकड़ो पर नजर डाली जाए तो पाता चलता है कि विद्यालयो की संख्या में 4 गुणा वृद्धि हुई है प्राथमिक स्तर की शिक्षा में 6 गुणा अधिक नांमाकन हुआ है। लड़कियों के नामांकन में 32 गुणा वृद्धि सम्भव हुई है। प्राथमिक स्तर पर देश के ग्रमीण क्षेत्रो मे 94 % स्थानो पर 1 किलोमीटर तथा उच्च प्राथमिक स्तर 34% स्तरो पर 1 किलोमीटर के दायरे में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

इन सुविधाओ के बावजूद भी 6 – 14 आयु वर्ष 20 करोड़ बच्चो में से लगभग 6 करोड़ बच्चे विद्यालय नही जा रहे है। इनमें 3.6 करोड़ लड़कियाँ और 2.4 करोड़ लड़के है। अतः आज भी लगता है शिक्षा के सार्वभौमिकरण का उछेश्य एक स्वप्न ही है। आज आवश्यकताए इस बात की है कि सभी स्थनो पर प्राथमिक शिक्षा की सुविधाए उपलब्ध कराई जाए। और वहाँ न केवल बच्चों का नामंकन किया जाए बल्कि ऐसा देखा गया है कि बच्चों के नामांकन तो विद्यालय मे हो जाते है लेकिन बच्चे विद्यालय में उपस्थित नही होते है। इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ही सर्व शिक्षा अभियान के अनगिनत कई शिक्षा विकल्प, शिक्षण साधन या उपकरण, आने-जाने की सहायता इत्यादि भी उपलब्ध कराई जा रही है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मुक्त शिक्षा प्रणाली, ओपन स्कूल, वैकल्पिक स्कूली शिक्षा, दूरस्थ, और इसके साथ-साथ गृह आधारित शिक्षा, अंशकालिन शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा भी शामिल है।

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सर्वशिक्षा अभियान के उद्देश्य( Objective of Sarva Shiksha Abhiyan):

सर्व शिक्षा अभियान के कई उद्देश्य है जो निम्न प्रकार से है जैसेः

सर्व शिक्षा आभियान के उद्देश्य (Objectivesa of Sarva Shiksha Abhiyan):

  • सभी बच्चों के लिए विद्यालय शिक्षा गारन्टी केन्द्र, वैकल्पिक स्कूल और बैक टू स्कूल शिविर की उपलब्धता कराना।
  • कोई भी बच्चा ऐसा ना बचे जो पाँच वर्षीय शिक्षा प्राप्त न करें।
  • सामाजिक न्याय और संवैधानिक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकें।
  • जो शिक्षा जीवन के लिए उपयोगी है वह बच्चों को दी जा सकें अर्थात् बच्चो को ऐसी शिक्षा दी जाएँ जो उन्हे रोजगार उपलब्ध करा सकें।
  • बच्चो को विद्यालय में रोकने ताकि वे शिक्षित हो सकें। आदि।

सर्वशिक्षा अभियान की कार्य नीतियाँ:

  • सस्थांगत सुधार
  • निरन्तर वित्तीय पोषण
  • सामुदायिक स्वाभित्व।
  • बालिका शिक्षा।
  • शैक्षिक गुणवत्ता पर बल देना और
  • अध्यापकों की भूमिका।

निष्कर्ष ( Conclusion):

सर्व शिक्षा आभियान अपने इस कार्य से एक और जहाँ सभी बच्चो को शिक्षित करने का प्रयास कर रहा है। वही वह दूसरी और समाजीकरण (बालकों) भी कर रहा है। और समजीकरण के कई कारक होते है जैसे – परिवार, पड़ोस, विद्यालय, बालक के साथी- समुदाय धर्म आदि उसी प्रकार सर्वशिक्षा अभियान के एक अभियान ही नहीं है बल्कि एक पूरी प्रक्रिया है जो अध्यापकों की, माता-पिता को, केन्द्र सरकार की, राज्यसरकार की और स्थानीय सरकार की भूमिका को भी एक दिशा प्रदान करता है।

 

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