” हम यह भी कह सकते हैं मानवी मशीन के लिए भोजन उतना ही आवश्यक है, जितना कि किसी गाड़ी में पेट्रोल।”
संतुलित भोजन किसे कहते हैं विस्तार से जानते हैं:
ऐसा भोजन जिसमें सभी तत्व जैसे प्रोटीन विटामिन कैल्शियम कार्बोहाइड्रेट वसा आदि का संतुलित अनुपात में मिश्रण हो। जो हम खाते हैं वह पाचन क्रिया द्वारा हमारे शरीर में रक्त से मिलकर शरीर को शक्ति प्रदान करता है और शरीर में किसी प्रकार की गड़बड़ी को ठीक करता है। उदाहरण: यदि आपके भोजन में वसा और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होगी तो शरीर की पाचन क्रिया खराब हो जाएगी जिस कारण से गैस मोटापा दस्त आदि बीमारी होने लगेगी तो इन बीमारियों से बचने के लिए संतुलित भोजन खाने की जरूरत पड़ती है।
संतुलित आहार के गुण:
- संतुलित आहार करने से हमारी सेहत अच्छी रहती है।
- संतुलित आहार द्वारा शरीर को अच्छा पोषण मिलता है।
- उच्च स्तर के शारीरिक वह मानसिक स्वास्थ्य होने के लिए संतुलित आहार आवश्यक है।
- संतुलित आहार प्रत्येक व्यक्ति की आयु स्वास्थ्य और कार्य के अनुसार ही निर्धारित होता है।
संतुलित भोजन में आवश्यक तत्वों की मात्रा व्यक्ति की आयु लिंग शरीर की बनावट के अनुसार होती है। जो भोजन हम खाते हैं वह हमें ताप व ऊर्जा देता है इसलिए शरीर की खबर ऊर्जा के अनुसार कैलोरी युक्त भोजन होना चाहिए।
- 4 वर्ष की आयु वाले बच्चे के लिए 1000 कैलोरी वाला आहार होना चाहिए।
- नव वर्ष की आयु वाले बच्चे के लिए 1600 लोरी वाला आहार होना चाहिए।
- 13 वर्ष की आयु वाले बालक के लिए 2300 तक युवा पुरुष की से 2500 से 4000 कैलोरी वाला आहार देना चाहिए।
- महिला के लिए 2500 से 3500 तक कैलोरी की जरूरत है।
ठंडे क्षेत्रों में रहने वालों की अपेक्षा गर्म क्षेत्र में रहने वाले लोग ज्यादा भोजन खाते हैं और उनके आहार में प्राया मांस मछली अंडे सूखे फल तथा वसा व कार्बोहाइड्रेट्स युक्त भोजन को शामिल किया जाता है। शरीर के ठीक तरह से संचालित करने के लिए प्रति व्यक्ति 100 ग्राम प्रोटीन 100 ग्राम वसा होना आवश्यक है। इस तरह संतुलित आहार का एक निरोग शरीर को हुष्ट- पुष्ट बनाने के लिए विशेष महत्व है।
संतुलित भोजन के मुख्य तत्व
शारीरिक विकास के पौष्टिक व संतुलित आहार बहुत जरूरी है पौष्टिक व संतुलित आहार के लिए विशेष तत्वों का समन्वय होना जरूरी है जिनका वर्णन इस प्रकार है:
- प्रोटीन: प्रोटीन भोजन में पाए जाने वाला मुख्य तत्व है। यह कार्बन हाइड्रोजन ऑक्सीजन गंधक तथा फास्फोरस जैसे रासायनिक तत्वों के मेल से बनता है। प्रोटीन के मुख्य स्रोत मांस मछली अंडे दूध मेवे दाल फलिया है। प्रोटीन मुख्यतः दो प्रकार की होती है।
(¡) वनस्पति प्रोटीन : इसमें सोयाबीन सूखा मेवा गेहूं बाजरा मक्का आदि पाया जाता है।
(ii) पशु प्रोटीन: इसमें अंडा मांस मछली वैधुत पाया जाता है।
उपयोग: प्रोटीन के मुख्य चार उपयोग निम्नलिखित है।
(¡) प्रोटीन शरीर में तन्तुओं के टूट-फूट के निर्माण मे सहायक है।
(¡¡) प्रोटीन शरीर में ताप व उर्जा पैदा करता है।
(iii) यह रोगों से लड़ने हेतु शरीर को शक्ति प्रदान करता है।
(iv) शरीर को मानसिक तौर पर सुदृढ़ बनाता है।
2. वसाः संतुलित आहार में वसा का विशेष योगदान है। यह कार्बन हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन जल का मिश्रण है। इसके सेवन से शरीर में ताकत पैदा होता है। इसके मुख्य स्रोत मक्खन, घी, सरसों का तेल नारियल तथा अंडे है।
उपयोग:
(¡) वसा शरीर में गर्मी पहुंचाती है।
(¡¡) यह भोजन में स्वाद पैदा करती है।
(iii) इससे कब्ज जैसी बीमारी नहीं होती है।
(¡v) इससे हमारे शरीर में चिकनाहट बनी रहती है।
(v) वसा के सेवन से शरीर में ताकत वह शक्ति होती है।
(vi) वसा के सेवन से मल निष्कासन में भी मदद मिलती है।
(v¡¡) यह शरीर को सुडौल बनाती है तथा बाहरी व आंतरिक स्रोतों से शरीर की रक्षा करती है।
(3) कार्बोहाइड्रेट: यह एक रासायनिक योगिक है। इसमें कार्बन हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन पाई जाती है। इसके मुख्य स्रोत चावल आलू गेहू दूध चीनी मीठे फल मक्का अखरोट व साबूदाना है।
उपयोग:
(¡) यह शरीर के ताप व ऊर्जा पैदा करती है।
(ii) यह मांसपेशियों के निर्माण में सहायक है।
(iii) यह प्रोटीन जैसे तत्वों के कार्यों में भी सहयोगी है।
(¡v) शरीर में वसा युक्त भोजन को भी कार्बोहाइड्रेट पूरा करता है।
(v) यह शरीर के ताप को स्थिर रखता है।
(4) खनिज लवण : खनिज लवण हमारे शरीर एक विकास तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए विशेष महत्व रखता है। यह मुख्य रूप से शरीर में पाचन रसों को उत्तेजित करने आंतरिक क्रियाओं को नियंत्रित करने रक्त बनाने मांसपेशियों में हड्डियों को विकसित करने में अहम योगदान देता है। हमारे शरीर में अनेक प्रकार के खनिज लवण जैसे सोडियम पोटैशियम कैल्शियम लोहा तांबा क्लोराइड आदि पाए जाते हैं।
उपयोग:
(¡) खनिज लवण में कैल्शियम एक विशेष स्थान रखता है यह प्राया शरीर को मजबूत शरीर क्रियाओं को नियंत्रण तथा दांतों को मजबूती के लिए उपयोगी है।
(ii) लोहा एक ऐसा खनिज है जिसका प्रयोग शारीरिक उर्जा व खून बनाने के लिए किया जाता है।
(¡¡¡) हमारे संतुलित आहार में आयोडीन का विशेष स्थान है। यह प्राया लहसुन पालक सेव टमाटर में पाया जाता है। इसका प्रयोग भोजन में आम नमक की तरह किया जाता है। यह घेंघा रोग गले की सूजन जैसे रोगों से रक्षा करता है तथा शरीर में कैल्शियम, फास्फोरस तथा मैग्नीशियम संबंधित संतुलन बनाए रखता है।
संतुलित आहार की उपयोगिता महत्व
- खनिज लवण में कैल्शियम एवं विशेष स्थान रखता है। यह प्राया शरीर की मजबूती शारीक क्रियाओं को नियंत्रण तथा दांतो की मजबूती के लिए लाभदायक है।
- लोहा एक ऐसा खनिज है जिसका प्रयोग शारीरिक ऊर्जा व खून बनाने के लिए किया जाता है।
- हमारे संतुलित आहार में आयोडीन का विशेष स्थान है। यह प्राया लहसुन पालक सेव टमाटर में पाया जाता है। इसका प्रयोग भोजन में आम नमक की तरह किया जाता है। यह घेंघा रोग गले की सूजन जैसे रोगों से रक्षा करते हैं तथा शरीर में कैल्शियम फास्फोरस तथा मैग्नीशियम संबंधी संतुलन बनाए रखता है।
- प्रोटीन शरीर में शक्ति पैदा करता है शरीर रूपी इंजन को चलाने हेतु हमें शक्ति की आवश्यकता होती है यह शक्ति हमें भोजन से प्राप्त होती है जो भोजन हम खाते हैं वह पाचन क्रिया द्वारा रक्त में मिलकर सारे शरीर को शक्ति देता है प्रोटीन टूटे-फूटे तन्तुओं तथा हड्डियों का निर्माण करते हैं।
- संतुलित आहार द्वारा ही हमारे शरीर में कैल्शियम की आवश्यकता पूरी होती है।
- संतुलित आहार में से वसा का विशेष महत्व है। वर्षा शरीर में गर्मी पहुंचाती है इससे शरीर में चिकनाहट बनी रहती है यह शरीर को सुडौल बनाती है तथा बाहरी व आंतरिक चोटों से हमारी रक्षा करती है।
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