सकारात्मक सोच एक सफलता Positive think is a success: सकारात्मक सोच एक ऐसी कुंजी है जिसका उपयोग कर हम हर सफलता को अपने जीवन में साकार कर सकते हैं। क्योंकि ये कहावत प्रचलित है कि
“मन के हारे हार और मन के जीते जीत ”
क्योंकि मन ही है जो हमें बनाता है या बिगाड़ता है, गिराता है या उठाता है ये मन ही है जिसकी वजह से हम जीवन में चाहे किसी भी हालत से गुजरें अगर आपके मन में सकारात्मक विचार भरा है तो आप कभी हारेंगे नहीं बल्कि उसके विपरीत आप उस परिस्थिति से निकलने, उसे हराने और उससे जीतने के लिए मेहनत करेंगे क्योंकि साकारात्मक विचारों की शक्ति आपको कभी हारने और गिरने नहीं देगी।
ये आपको अंदर से मजबूत बनाएगी परिस्थिति चाहे जैसी भी हो आप उससे हारेंगे नहीं बल्कि आप उन साकात्मक विचारों के होने से उससे लड़ने का बल पाते रहेंगे और जब ये बल आपको मन से मिलता है तो आप भौतिक रुप से स्वतः ही जीत जाते हैं।
क्योंकि अगर आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं तो उसका कोई न कोई ईलाज है लेकिन अगर आप मन से कमजोर हो जाएं तो इसका ईलाज आपके अलावा और किसी के पास नहीं है। क्योंकि जब मन कमजोर होता है तो वो केवल हमारी विचारों को ही नही बल्कि हमें शारीरिक रूप से भी कमजोर बना देता है।
हम अंदर ही अंदर खोखले होते जाते हैं हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है ,तनाव,चिंता, अनिद्रा जैसे रोग हमें आंतरिक और शारीरिक दोनों रूप से कमजोर करते जाते हैं। क्योंकि कहा गया है “मन में असाध्य रोग लगा हुआ है ”
इसलिए जिसके मन स्वस्थ है वो ही अपने जीवन का विजेता है क्योंकि जब तक हम जीवित हैं उतार, चढ़ाव दुःख और दर्द, परेशानियां आदि का आना तय है लेकिन इन सभी परिस्थितियों को हैं अपने जीवन में कैसे देखते हैं उसका सामना कैसे करते हैं ये हमारे ऊपर है ये हमारे वश में है।
इसलिए जिसके मन शुद्ध हैं यानी जिन्हे इन चीजों से साकारात्मक विचारों से लड़ना आता है वही विजेता है। क्योंकि जितना मज़ा रास्ते में है उतना मज़ा तो मंजिल पाने में भी नहीं है । तो अपने जीवन के उस सफर में आप तय करते हैं कि आप उसे कैसे सामना कर रहे हैं।
क्योंकि साकारात्मक विचार का तात्पर्य है कि अपने जीवन में आने वाले चुनौतियों का सामना साकारात्मक दृष्टिकोण से करना, अपने इच्छाओं से जीतकर यूज वश में करना और नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदलना तथा सकारात्मकता को अपने जीवन में विकसित करना है।
इसे समझने के लिए हम कुछ बिंदुओं को देखेंगे –
1. मन को नियंत्रित रखें
पॉजीटिव सोच के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है ‘मन को नियंत्रित रखना’ क्योंकि मन ही है जो ये निश्चित करता है कि हमें कैसा और कौन सा कार्य करना है। जो हमारे मन में होता है वही हमारे कार्य में दिखता है।
और कई बार तो ऐसा होता है कि हम व्यर्थ की बातों को, कार्यों को करने के लिए जिसे करने के लिए हमारा मन हमें मजबूर कर देता है।
जैसे कि कई बार कुछ बातें बहुत ही सामान्य होती हैं लेकिन हम उसे सोच सोचकर उसे बड़ी कर देते हैं। और कई बार व्यर्थ ही बैठकर गप्पे मारना, फालतू की बातें करना, मोबाइल का उपयोग कर ऐसे ही समय गंवाना ये सब हमारे मन को अच्छा लगता है
और हम उसे करने के लिए एकदम से मजबूर हो जाते हैं क्योंकि वो चीजें हमें अच्छी लगती तो हैं लेकिन हमारे भविष्य के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता।
इसलिए हमें अपने मन को नियंत्रित करना चाहिए व्यर्थ की बातों को सोचने के बजाय हमें उन परिस्थितियों, उन चीजों को बेहतर करने के बारे सकारात्मक विचारों को अपने अंदर प्रभाव डालने के लिए आदेश देना चाहिए।
हमें अपने मन को उन व्यर्थ की चीजों से हटाकर अच्छी किताबें पढ़ना,किसी व्यक्ति के अच्छे गुणों को स्मरण कर उस पर मनन (विचार) करना, अकेले बैठकर या किसी शांत और एकांत जगह पर जाकर वो जो आपके साथ उस वर्तमान समय में हो रहा उससे कैसे निकलें, उसको उस बिगड़ी हालत से अच्छा कैसे किया जा सकता है,
उससे निकलने के रास्तों, या फिर नहीं निकल सकते उसका सामना, बिना चिंता के, बिना depression के आसानी से कैसे उसका हल निकाल सकते हैं। कुछ सकारात्मक लोगों से बातें करें, बच्चों के साथ समय बिताएं, उनके साथ खेलें,जैसे बातों पर अपने मन को केंद्रित करें।
अपने आप को रिलैक्स करने के लिए कुछ देर आराम भी कर सकते हैं या कुछ देर के लिए आप सो जाएं और जब आप उठें तो केवल सकारात्मक सोच को ही अपने अंदर आने दें अपने मन को शांत रहने दें। लोगों से थोड़ी दूरी बनाएं, बातें कम करें, और मन को सकारात्मक ऊर्जा से भरने दें। लेकिन जब आप ये ऐसा कर रहे हैं तो ये नहीं कि आप उन्हीं सभी बातों को लेकर मन ही मन लड़ रहे हों बल्कि इसके विपरीत आप उन चीजों को बिलकुल भी न सोचें बस खाली रहने दें।
2. परिस्थिति के विपरीत बोलना
बोलना,हमारे मन के विचारों को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
जब हम किसी भी चीज को बार बार बोलते हैं तो हमारा मन उसको धीरे-धीरे स्वीकार करने लगता है । और एक समय ऐसा आता है कि हमारा मन पूरी तरह उसे स्वीकार कर लेता है और फिर हम उस चीज को पूरा करने के लिए तैयार हो जाते हैं। हम बस हर समय उन्हीं को पूरा करने के बारे में तथा उसको पाने की कोशिश में लगे रहते हैं। इस तरह यह पॉजिटिविटी हमें एक दिन हमारी सफलता तक पहुंचाती हैं।
इस तरह हम इस सफलता तक पहुंचने में एक प्रक्रिया को देखते हैं
पहले तो हमारी परिस्थिति हमारे जीवन के विपरीत थी, फिर हमने उस परिस्थिति के विपरीत बोला,और फिर बोलने से हमारे मन उसे स्वीकार कर लिया और जब हमारे मन ने स्वीकार लिया तो हम उसे पुरी करने की हर संभव प्रयास करने लगे और ऐसा करते हमने एक दिन उसे हासिल कर लिया। उस विपरीत परिस्थिति को हमने अपने अनुरूप कर लिया
इस तरह हम देखते हैं कि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए हमारे मन को उस काम पर लगाना बहुत जरूरी है क्योंकि मन ही है जो हमें चलाता है। इसलिए हर परिस्थिति में हमारे मन को पॉजिटिव और नियंत्रित रहना बेहद आवश्यक है। क्योंकि हमारा यह शरीर मन के मुताबिक ज्यादा कार्य करता है।
3. अपनी उम्मीद को बड़ी रखें
आपकी उम्मीद आपको काफी हद तक पॉजिटिव रखती है।आपकी उम्मीद आपको हर परिस्थिति से लड़ने का ताकत देती है।आपकी उम्मीद आपको कभी हारने नहीं देती वो आपको push करती रहती है आगे बढ़ने के लिए ,जब कभी आप अपनी परिस्थिति या विपरीत हालातों से पीछे हटने या हारने के बारे सोचते हैं तो यही उम्मीद आपको फिर से आगे खींचती है ,फिर से आपको खड़ा करती है , फिर से आपको जीतने के लिए प्रोत्साहित करती है।
और जब आपकी उम्मीद बड़ी हो तो कोई भी ताकत आपको नहीं हरा सकती और जब आपकी परिस्थिति आपको हरा रही हो तो आप अपने परिस्थिति के विपरीत बोलना शुरू करें। और सफलता की साकारात्मक बातें जैसे – मैं हार नहीं मानूंगा/ मानूंगी । अपनी उम्मीदों को पूरा करने के लिए मैं अकेला/अकेली नहीं हूं मेरे खुदा मेरे साथ हैं । वो मुझे कभी हारने नहीं देंगे। क्योंकि जो खुद की मदद करना जानता है अर्थात् जो अपने सपने के लिए पूरे ईमानदारी से मेहनत करता है। खुदा भी उसकी मदद करतें हैं। जो सामर्थ्य या शक्ति खुदा मुझे देते हैं उससे मैं सबकुछ कर सकता या सकती हूं।
जबआप अपने उम्मीदों के लिए ऐसे बोलते हैं तो वो उम्मीद फिर से आपके जीवन में प्रत्यक्ष रूप से दिखने लगता है । तो इसलिए आप चाहे जैसे भी हो लेकिन आपकी उम्मीद को बड़ा रखें।
एक कहावत प्रचलित है “मंजिल चांद की रखो ताकि जब तुम उड़ान भरो तो चांद तक न सही कम से कम आसमान तक तो पहुंचो ” आप अपनी मंजिल को पाने के लिए अपनी उम्मीदों को जीतने के लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे और एक दिन ऐसा होगा कि आप उसे हासिल कर लेंगे ।
4. खुद में विश्वास रखें
खुद में विश्वास रखना बहुत ही आवश्यक है । आप अपनी मंजिल को पाने के लिए अपनी सारी ताकत लगा दें।
और अपना विश्वास खुद के ऊपर से टूटने न दें क्योंकि आपका आत्मविश्वास ही आपको आपकी मंजिल तक पहुंचायेगी
जब सब कुछ आपके विपरीत हो तो आपका खुद के ऊपर विश्वास ही आपको एक नई उम्मीद , फिर एक बार कोशिश करने के प्रेरित करेगा और आप उस विश्वास की वजह से जो आपको खुद पर है फिर उठकर आगे बढ़ने से रुकेंगे नहीं बल्कि फिर से साहस ,धीरज और पूरी मेहनत के साथ अपनी उम्मीदों को मजबूत करते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे और दुगुनी मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ने की तैयारी करेंगे
और यही विश्वास आपको एक दिन एक सफल व्यक्ति बनाएगा ।और आप एक सफल व्यक्तित्व बना पाएंगे।
5. दूसरों से तुलना न करें
अकसर ये देखा जाता है किसी भी क्षेत्र में लोग अकसर अपनी तुलना दूसरों से करते हैं। और कई बार हम अपनी इसी आदत की वजह से अपने अंदर के गुण को , काबिलियत को,उस passion को नहीं पहचान पाते । बस दूसरों को देख कर खुद को उन्ही की तरह बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। और ये भूल जाते है कि हम में भी कुछ खूबियां हैं वो खूबियां जिससे आप भी लोगों के लिए एक उदाहरण हो सकते है । कई लोग आपको उसी खूबी के साथ आपकी तरह बनना चाहते हों। शायद आपकी तरह करना चाहते हों।लेकिन आप खुद के अंदर के चमक को छोड़कर दूसरे की चमक को खोजने में अपनी ताकत लगाते रहते हैं।
इससे बेहतर है कि हम दूसरों को देखना छोड़कर अपनी खूबियों को पहचानें, और उसे निखारें, क्योंकि खुदा ने सभी के अंदर अलग – अलग खूबियों को डाला है हमें बस उसकी पहचान करके उस खूबी पर कार्य करनी है । जब हम उस खूबी को जिसे खुदा ने हमे दी है उसे पहचान कर उस पर कार्य करने लग जाते हैं तो खुदा भी उसे निखारने में हमारी मदद करते हैं जिससे आपकी /हमारी वो खूबी और और ज्यादा खूबसूरत हो ,वो और ज्यादा निखरे,चमके और लोगों के लिए मिशाल बने ।
इसलिए बेहद ही आवश्यक है कि आप अपनी खूबी को पहचानें न कि अपनी तुलना लोगों से करें।
हां अच्छे लोगों का अनुसरण करना अच्छी बात है लेकिन अपनी उस खूबी को निखारने के लिए ही उसका अनुसरण करें न की उनकी तरह बनने में क्योंकि आपकी खूबी उनसे अलग है । क्योंकि सफल तो सब होते हैं लेकिन उस सफलता में अपनी खुशी, संतुष्टि,और सुकून बहुत कम लोगों को मिलती है । तो आप अपने लिए ,अपनी खुशी के लिए ,
अपने सपने के लिए मेहनत करें आप खुद चमकें और निखरें।
6. अपनी निजी समस्याओं को सकारात्मक समाधान
अगर हम पृथ्वी अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो परेशानियां, मुसीबत, कठिनाइयां तो आयेंगी क्योंकि यही जीवन है कहा जाता है न कि “ जिंदगी भी खेलती उसी से है जो खिलाड़ी अच्छा हो ” और हम सबने अपने जीवन में देखा है कि खेल के मैदान जब भी प्रतियोगिता होती है तो खिलाड़ी चाहे जितने भी हो लेकिन नाम उसी का होता है जो बेहतर खिलाड़ी हो उस खेल में आने वाली सारी मुसीबतों को बस अपने गले लगा लेता और बस जीतने के हर रास्ते को अपने नाम कर लेता है । और वो खिलाड़ी भीड़ के बीच में भी ऐसे दिखता है कि जो इंसान उसे जानता भी ना हो वो भी उसकी पहचान करने में देर नहीं करता है।
तो बस जिंदगी भी ऐसी ही है अगर आपके जीवन ये सारी चीजें पहाड़ों की तरह क्यों न आ पड़ी हों लेकिन आप विश्वास रखें खुद पर आप बेहतर खिलाड़ी हैं। आप लगता होगा कि ये आपके साथ ही क्यों हो रहा है,आप इसे कर नहीं सकते,आप हार रहे हैं,आपके अंदर उस परिस्थिति से लड़ने की ताकत नहीं है लेकिन विश्वास कीजिए खुदा को और इस प्रकृति को पता है कि आप कितने बड़े खिलाड़ी हो, आप अपनी मंजिल को पाने के लिए कितने मेहनती हो ,आप उसके लिए क्या कर सकते हो ।
आपको बस इस उस परिस्थिति से लड़ने के लिए खड़े होना है डरना नहीं है बस इतनी सी कल्पना करके चलते रहने की जरूरत है कि बस थोड़ा सा और फिर मेरी मंजिल बस इसके जाने बाद ही है। क्योंकि वो जो परेशानी , अड़चने, मुसीबतें जो हैं ये आपके सपने और आपके विश्वास से बड़ी नहीं है।
आपको बस इसी सकारात्मकता से कि आपकी मुश्किलें आपसे ,आपकी हुनर से,आपकी लगन से,आपकी उम्मीद से, आपके विश्वास से बड़ी नहीं है। इसे अपने मन में ठान कर और सारी चीजों को बेहतर होता हुआ कल्पना करके देखना और आगे बढ़ते रहना है। क्योंकि इसी मुसीबत के पीछे वो सफलता,वो मंजिल जो आपकी है और आपके अलावा वो किसी को नहीं हो सकती आपका इंतजार कर रही है । आप केवल सकारात्मक होकर आगे बढ़ते रहें।
7. उम्मीदअच्छे परिणाम अच्छे
एक व्यक्ति जो हमेशा असफल होता रहा था। जब कि अच्छी शिक्षा भी मिली थी, उसके आस-पास भी अच्छा माहौल और सफल लोग रहते थे। लेकिन वो ये समझ नहीं पा रहा था कि उसके साथ क्यों ऐसे हो रहा है।जब इसका कारण पता लगाया गया तो पता चला कि उसका ज्यादातर बुरे घटने की ओर होती थी उसकी ज्यादातर कल्पनाएं गलत दिशा में ही होता है।ओर वो व्यक्ति ऐसा अनजाने में करता था।
फिर जब उसे पता चला तो उसने उसे स्वीकार किया और उसे सुधारने लगा और अपने विचारों और कल्पनाओं को पॉजिटिव किया तो उसने देखा कि अब उसके साथ सब कुछ अच्छा हो रहा है ।और अब हर काम में उसके सफलता के रास्ते ही खुल गए।
इसलिए आप भी हमेशा अच्छे विचारों को ही अपने अंदर रखें।
क्योंकि जो हमारे अंदर होता है वही बाहर निकलता है। परिस्थिति चाहे जैसे भी हो भले ही सफल होने की कोई उम्मीद न हो लेकिन फिर भी अपने मन को केवल सफल होने की उम्मीद पर ही लगाएं।
जब आप ऐसा करते हैं तो खुदा भी आपको सफल करने के लिए अपनी ऊर्जा लगाते हैं।वो ये सोचने में मजबूर हो जाता है कि यह इस इंसान के सफल होने का कोई भी रास्ता तो नहीं बचा लेकिन फिर भी ये मन से हारा नहीं बल्कि पॉजिटिव सोच , विश्वास और उम्मीद अभी भी इसके अंदर दृढ़ है ।और अपना 100% मेहनत और लगन है , तो वो भी आपकी सफलता को आप तक पहुंचाने में हर संभव कोशिश करता है । और एक दिन आप उसे हारते हारते जीत लेते हो ।
कई बार लोग कुछ नया काम करना चाहते हैं या शुरू करते हैं और कई वो असफल हो जाते हैं। इसका कारण है विश्वास और सकारात्मक सोच की कमी और अपने विश्वास से ऊपर अपने डर और नकारात्मकता को रखना ऐसे में –
कई लोग शुरू तो करते हैं लेकिन परेशानियां, मुसीबत आने पर हार मान लेते हैं वो अपने मन में ठान लेते हैं कि अब ये हमसे नहीं होगा ,या कई लोग शुरू करने से पहले ही परेशानियों , अड़चनों को सोच कर शुरू करने से पहले ही डर कर काबिलियत होने के बौजूद वहीं रह जाते हैं।
इसलिए यदि आपको एक सफल और अच्छे परीणाम देखने हैं तो आप अपनी अच्छे और सकारात्मक सोच को, विश्वास को हर परेशानी ,डर और अड़चनों मुसीबतों आदि नकारत्मक चीजों से ऊपर रखिए । उसमें आने वाली परेशानियों आदि के बारे में न सोचकर ये सोचिए कि कैसे आप लड़कर अपने दृढ़ विश्वास से उन्हें जीत लेंगे क्योंकि मज़ा सफलता का मजा तो तभी है जब आप पूरी मेहनत से हर रुकावटों ,परेशानियों से लड़कर उसे हासिल करो ।ऐसे में आप न केवल खुद सफल होते हो बल्कि आप के द्वारा कई लोग हौसला पाते है ,आप कई लोगों के लिए एक प्रेरणा होते हो ।
8. खुश रहना आपके हाथ में
खुश रहना आपके और हमारे जीवन में बेहद आवश्यक है क्योंकि कहा जाता है कि जब हम खुश होते हैं तो परेशानी तो ऐसे ही हमें दूर भाग जाती है
और ये जो खुश रहने की आदत जिनमे होती है न उनके पास परेशानियां कम और सफलता अधिक होती है। क्योंकि इनकी उस खुशी से बड़ी उनकी परेशानी नहीं होती और अगर होती भी है तो कुछ देर के मेहमान की तरह ,वो चाहे जितनी बड़ी हो उसको इस खुशी के सामने झुकना ही पड़ता है।
कई बार हम देखते हैं कि कई लोग चाहे कैसी भी परिस्थिति हो वो हमेशा खुश नजर आते हैं वो दुखी तभी होते है जब बहुत ही ज्यादा negative condition हो वो ज्यादा दिन तक नहीं टिकती उनके पास प्रकृति में दो शक्तियां काम करती हैं एक तो सकारात्मक और दूसरी नकारात्मक आप इनमें से जिसे भी ज्यादा महत्व देंगे वही आपके जीवन में ज्यादा प्रभावशाली होगा
इसलिए आप भी हर समस्या को पीछे छोड़कर एक अच्छे उम्मीद के साथ आगे बढ़े ये अच्छे उम्मीद ही आपको खुशियां देंगे आपको सफल बनायेंगे आप हर रोज एक बच्चे से सीख सकते है कि हमें अपने जीवन में खुश कैसे रहना चाहिए जैसे एक बच्चा हर रोज नए खुशी और उमंग के साथ उठता और हर छोटी बड़ी बातों में खुशियां ढूंढकर खुश रहता है वह बीते दिन में क्या परेशानी हुई थी ,किसने मुझे रुलाया था किसने मुझे दुखी किया था इन सबके बारे में नहीं सोचता बल्कि उन सारी नेगेटिव बातों को भूलकर फिर से उन लोगों और वस्तुओं के साथ जिन्होंने शायद बीते दिन में उसे दुखी किया था वो उसे याद नहीं करता बल्कि नए उम्मीद के साथ फिर से उनमें अपनी खुशियां ढूंढ लेता है ।
तो हमें भी इस बच्चे की तरह हर रोज एक नए उम्मीद ,नए सपने ,नए उमंग के साथ अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए। क्योंकि जैसे विचार आप अपने मन में लाते हैं उसी तरह की घटनाएं होने की संभावना रहती है । जिस से हम अपने आप खुश रखकर अपने आस पास के लोगों को भी खुश रख सकें । अब्राहम लिंकन कहते हैं – “लोग उतने ही खुश रहते हैं जितना वे खुश रहने का विकल्प चुनते हैं।”
इसलिए छोटी छोटी परेशानियों को नजर अंदाज करें और आगे बढ़ें किसी एक चीज को पकड़कर न रहें बल्कि उससे बेहतर करने की सोचे और आगे बढ़े विश्वास करें आप खुद को पहले से बेहतर देखेंगे ।
9. सोचें कम खुद समाधान निकालें
टॉपर तो नहीं होती लेकिन टॉपर के बाद उसी का नाम होता था । एक बार उसके पापा ने उसे शहर के सबसे अच्छे स्कूल में दाखिला करा दिया यद्यपि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी फिर भी उसके पापा उसे शहर के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे थे वो बच्ची उसकी अहमियत समझती थी। और बहुत मेहनत करती थी हमेशा उसके पापा उसे जितने प्रतिशत लाने को कहते वो उससे एक या दो प्रतिशत ज्यादा ही लाती थी । फिर जब वो 11 वीं कक्षा में पहुंची तो उसे उसके पसंद का विषय नहीं मिला और वो अपने पापा के कहने पर जीवविज्ञान विषय लेकर पढ़ने लगी।
फिर जब परीक्षा पहुंची तो उसे डर लगने लगा वो बहुत सोचती थी कि मैं कैसे पढूं वो करना चाहती थी लेकिन उस समय उसे उस विषय को समझने में थोड़ी परेशानी होती थी क्योंकि पढ़ाई का सिलेबस भी बदल गया था ।ऐसे में बहुत सोचने की वजह से एक दिन उसका तबियत खराब हो गया इतना कि उसके दोस्त डर गए। फिर जब उसे अस्पताल ले जाकर इलाज कराया गया तो रिपोर्ट नॉर्मल आई डॉक्टर ने उससे बात की ओर suggest किया कि ज्यादा सोचने की वजह से ऐसा हुआ है ।
इसी तरह हम भी कई बार कुछ चीजें जो जिंदगी में चल रही होती हैं उनके बारे बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं उसके बारे में सोचना अच्छी बात है लेकिन वहीं तक अच्छी है जहां उसका समाधान भी निकल आए और समाधान भी निकले और केवल उसके बारे सोच सोच कर खुद को तनाव में डाल देना ये न तो आपके लिए अच्छी है और न ही ये समझदारी की बात है । बल्कि अगर सोच ही रहे हैं तो समाधान सोचिए और ये भी नहीं दिख रहा तो खुदा पर भरोसा रखिए और छोड़ दीजिए चलने दीजिए जैसे चल रहा आज नहीं तो कल उसका भी समाधान हो ही जायेगा क्योंकि दुनिया में ऐसी कोई परेशानी नहीं है जिसका कोई समाधान न हो ।
इसलिए कम सोचें काम ज्यादा करें । समस्या चाहे जितनी भी बड़ी हो कोई न कोई समाधान तो उसका भी होगा ही इसलिए जरूरी नहीं कि आप उसे सोच सोच कर खुद को कमजोर करते रहें ।
बल्कि जरुरी ये है कि आप जो भी सोचें वो उस समस्या से निकलने के लिए ही हो जितना आपसे होता है आप उतना करें बाकी आप इस विश्वास के साथ कि समस्या है तो समाधान भी तो जरूर होगा ही , ये कहकर अब सब कुछ उस खुदा पर छोड़ दें
क्योंकि आपने या मैंने कभी उस खुदा को देखा तो नहीं है लेकिन हम ये भी जानते हैं कि विश्वास करने वालों के लिए कोई तो शक्ति है जो हमारे लिए काम करती है और हम जब हार जाते हैं, टूट जाते हैं, हर रास्ता हमारे लिए बंद हो जाता है तो वो शक्ति जब हम विश्वास के साथ उसे ढूंढते हैं तो वो हमें उठाती है, फिर से जीतने की उम्मीद दिलाती है कहते हैं ना जब सारे रास्ते बंद हो जाते हैं तो एक रास्ता होता जो हमारे लिए हमेशा खुला होता है और वो है खुदा के पास आने का रास्ता। तो ज्यादा सोचें नहीं बल्कि जो समाधान निकालें और न निकले तो खुदा पर छोड़ दें।
10. बेहतर की तलाश करें
बेहतर की तलाश करना ये एक कला है क्योंकि इस दुनिया में हर कोई बेहतर नहीं होता और जो होता है दुनिया उसके सामने झुकती है ।और हम सब जानते हैं कि अकसर जिसने बेहतर सोचा है उसने बेहतर किया है और जिसने बेहतर किया है वो आज चमक कर न केवल खुद को बल्कि अपने आस पास के हर व्यक्ति के लिए एक मिशाल बना है
इसलिए बेहतर सोचिए क्योंकि वैज्ञानिक आधार पर जो व्यक्ति जैसा सोचता है भविष्य में उसके उसी तरह होने के ज्यादा सम्भावना होती है ।
हमेशा अपने सोच को बेहतर रखें, अपने काम को आप जिस काम को भी करें वो चाहे छोटी हो या बड़ी बेहतर करें ।
लोगों की तरह नहीं उनसे अलग सोचें और लोग जिस रास्ते पर चल रहे हों उसपर अपनी पहचान बनाने से बेहतर है उनसे अलगअपना एक रास्ता बनाएं ऐसा रास्ता जिसपर आपसे आगे कोई न हो लेकिन आपके बाद वो रास्ता कई लोगों के चलने के लिए बन जाए, वो लोगों के लिए मिशाल बन जाए,लोग जो लोग अंधेरे में हों उनके लिए वो एक रोशनी बन जाए । जिनकी आशाएं टूट गईं हों उनके लिए आशा की किरण उसपर चमकती हुई दिखे ,लोग उस रास्ते से अपनी मंजिल को ढूंढ पाएं, अपने सपने को पूरा कर पाएं। ऐसे में एक बेहतर की तलाश करें उसपर विश्वास के साथ काम करें। यकीन करें आपकी मंजिल आपके कदमों पर होगी और आप एक बेहतर नाम, बेहतर जिंदगी, बेहतर परिणाम अपने जीवन में अनुभव से साथ देखेंगे।
निष्कर्ष Conclusion
हमारे जीवन में प्रकृति (खुदा)
ने हमें बहुत सारी सफलताएं (achievements) दे दिए हैं। क्योंकि प्रकृति (खुदा) को मालूम है कि हम कितने काबिल हैं।हमें बस उस सफलता तक पहुंचकर उसे पकड़ लेना है। लेकिन उसके लिए हमें आगे बढ़ना होगा और जब हम आगे बढ़ेंगे तो परेशानियां , दिक्कतें आएंगी क्योंकि ये एक हिस्सा है हमारे जीवन का क्योंकि कहते हैं ना कि जिन्दगी भी खेलती उसी के साथ है जो खिलाड़ी बेहतर होता है।
तो अगर खुदा को आप पर इतना भरोसा है कि उसने सब कुछ आपके लिए पहले ही दे रखा है तो क्यों न आप भी खुद पर विश्वास रखें और आगे बढ़ते जाएं, क्यों न हम अपनी सकारात्मक नजरिए से उन सब को जीत लें जो कुछ भी हमें जीवन में चाहिए। क्योंकि वो चीजें जिन्हें हम अपने जीवन में देखना चाहते हैं उन्हें पाने के लिए मेहनत से कहीं ज्यादा पॉजीटिव सोच और विश्वास की जरूरत है क्योंकि अगर हम मन को जीत लें तो हर जंग हम जीत लेंगे और जीत की मैदान हमारी होगी।
FAQS
1.खुद को पॉजीटिव कैसे रखें?
उत्तर- खुद को पॉजिटिव बनाए रखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है आपके आस पास का वातावरण आप पॉजिटिव लोगों के बीच रहें, आपकी दोस्ती पॉजिटिव लोगों के साथ हो क्योंकि संगति आपके mind set को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है। अच्छी किताबें पढ़ें खाली समय में समय को सहज ही न गवाएं बल्कि कुछ न कुछ सीखते रहें। बुजुर्गों बड़ों के साथ भी समय बिताएं क्योंकि ये अनुभवी लोग होते हैं और ये हमें अपने अनुभव से सिखाते हैं। क्योंकि अनुभव ज्ञान से ज्यादा प्रभावशाली होता है।
2.मन को वश में क्यों करें ?
उत्तर – हमें अपने मन को वश में करना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि मन ही हमारे जीवन का मूल है । हम जो भी करते हैं हम अपने मन के मुताबिक ही करते हैं इसलिए जरुरी है कि हम मन को अपने वश में रखें क्योंकि जितना ज्यादा हम अपने सोच , विचार को सकारात्मक रखेंगे हम उतना ही सही और बेहतर कार्य कर पाएंगे। क्योंकि जो हमारे मन में होता अकसर वही हमारे जीवन में दिखता है। क्योंकि अकसर हमारा मन गलत चीजों , जैसे टीवी देखना ,मोबाइल में फालतू के वीडियो देखना गप्पे मारना,आदि में ज्यादा लगता है।
हां शुरु में अपने मन के विपरीत करना कठिन होगा लेकिन कुछ दिन बाद आपके मन को आदत पड़ जायेगी पॉजिटिव और अच्छी कामों को करने की और तब आपको मेहनत नहीं करना पड़ेगा अपने मन को वश में करने के लिए। और आप एक पॉजिटिविटी के साथ बेहतर होते जायेंगे।और तब आपके जीवन में हर छोटी से छोटी चीजें और बड़ी से बड़ी चीजें बेहतर परिणाम के साथ आपको हासिल होगी। और आपको सबकुछ बहुत ही खूबसूरत लगने लगेगा।
3.पूरे दिन पॉजिटिव कैसे रहें?
पूरे दिन पॉजिटिव रहने के लिए हमें अपने सुबह की आदत को बेहतर बनाना बेहद आवश्यक है। ऐसा माना जाता है कि अच्छे दिन की शुरुआत एक अच्छे सुबह से होती है। इसे हम सुबह अच्छी विचारों को दोहरा कर जैसे –
आज का दिन मेरे लिए बहुत ही खास है ।
आज मैं अपने हर क्षेत्र में सफलता को हासिल करूंगा/करूंगी।
आज मेरे साथ सब कुछ अच्छा होगा।
आज मेरे लिए सब कुछ (best) बेहतर होगा।
मेरे लिए सब बातें मिलकर भलाई को उत्पन्न करती है।
आज मैं एक बेहतर व्यक्ति बनूंगा/ बनूंगी। आदि ।
और दिन में भी जब कुछ बात में साहस, धीरज काम होने लगे तो ऐसे ही सकारात्मक विचारों को दुहराते रहना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हमारे इंटरनल ह्यूमन ब्रेन से सकारात्मक सोच को बढ़ाने वाले हार्मोंस रिलीज़ होते हैं इस तरह आप दिन भर पॉजीटिव, ऊर्जावान और सक्रिय बने रहेंगे।
Nice article motivational and enthusiastic