अधिगम Learning से क्या अभिप्राय है? :
शिक्षण तथा अधिगम को कहा जा सकता है दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं । दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । और दोनों ही शिक्षा के महत्वपूर्ण तत्व भी है । अधिगम का अर्थ : अधिगम का अर्थ सीखना होता है जो मानव के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान देता है हर मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक कुछ न कुछ सीखता रहता है अर्थात वह जीवन भर अधिगम करता रहता है इससे स्पष्ट हो जाता है कि अधिगम का संबंध केवल शिक्षा से नहीं है बल्कि मनुष्य के संपूर्ण जीवन से है। यह भी कहा जा सकता है शिक्षण की प्रक्रिया में अधिगम का महत्वपूर्ण स्थान है उदाहरण के रूप में हम क्या सकते हैं कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन लाना है, परंतु जब उनके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है तब हम यह समझ लेते हैं कि बच्चों ने कुछ सीख लिया है। बच्चों के समक्ष कुछ अनुभव और ज्ञान की बातें रखी जाती है। जिन्हें समझकर उनके व्यवहार में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन उत्पन्न हो जाता है। इन्हें को हम अधिगम कहते हैं। अधिगम की सहायता से बालकों के व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सकता है तथा विकास करने में उसकी सहायता की जा सकती है।
संक्षेप में कहा जा सकता है अधिगम का अर्थ सीखना है तथा यह प्रक्रिया विस्तृत है विद्वानों द्वारा अधिगम की परिभाषा यह है:-
- गेट्स के अनुसार – “ अधिगम अनुभव द्वारा व्यवहार की शोध है।” ( “ Learning is the modification of behaviour through experiences” )
- क्रो और क्रो के अनुसार – “ अधिगम के अंतर्गत आदतें ज्ञान तथा व्यवहार को ग्रहण करना आ जाता है।” (“ Learning involves the acquisition of of habits, knowledge and attitudes.”)
- वुडवर्थ के अनुसार – “ हमारी वर्तमान अनुभव में वृद्धि एक प्रकार का अधिगम है।” (“ Any additions to our existing experiences is a kind of learning.”)
- गिलफोर्ड के अनुसार – “ व्यवहार के कारण अधिगम है।”
निष्कर्ष: यह कहा जा सकता है कि हमारे जीवन में अधिगम की प्रक्रिया महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस कारण से मानव दिन-प्रतिदिन विकास करता है मैं अपने आने वाले भविष्य में सफलता प्राप्त करता है।
अधिगम की विशेषताएं :
- अधिगम की प्रथम विशेषता है कि विद्यार्थी जो कुछ भी अनुभव प्राप्त करता है। जिन कारणों से वह अपने व्यवहार में बहुत से परिवर्तन लाता है। व्यवहार परिवर्तन के बिना अधिगम की प्रक्रिया अधूरी है।
- अधिगम रचनात्मक होता है। जिसकी मदद से विद्यार्थी बहुत कुछ सीखता है। अधिगम के बाद बालक जो अनुभव प्राप्त करता है उसे उसका ज्ञान रचनात्मक बन जाता है।
- अधिगम मनुष्य और जानवरों दोनों में होता है। अर्थात अधिगम का प्रभाव काफी व्यापक है। मनुष्य एक बुद्धिमान प्राणी है इसलिए वह पशुओं की अपेक्षा अधिक सकता है।
- अधिगम में भावनात्मकता का गुण भी मौजूद है। यह विद्यार्थी के भाव तथा गुणों को विकसित करता है। अधिगम को भावनात्मक भी कहा जा सकता है।
- अधिगम में स्थानांतरण की प्रवृत्ति होती है। स्थानांतरण शिक्षा के क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में होता है। फलस्वरूप अधिगम के कारण कभी क्षेत्रों का संतुलित विकास हो जाता है।
- समायोजन एक ऐसी प्राकृतिक है जो अधिगम में देखी जा सकती है । उचित अधिगम होने से मनुष्य स्वयं को सामाजिक वातावरण में समायोजित करना सीख जाता है।
- प्रत्येक अधिगम अपने आप में कोई उद्देश्य लिए रहता है। अधिगम के पश्चात विद्यार्थी जो कुछ सीखता है उसी को अधिगम का उद्देश्य मान लिया जाता है। अतः अधिगम हमेशा इस उद्देश्य पूर्ण होता है।
- अधिगम की प्रक्रिया जीवन भर चलती रहती है। जन्म से मृत्यु तक मनुष्य कुछ सीखना ही रहता है। सीखने की कोई आयु सीमा नहीं है, बल्कि हम सारा जीवन कुछ सीखते ही रहते हैं।
- अधिगम ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया है। अधिगम द्वारा ही विद्यार्थियों को ज्ञान की प्राप्ति होती है और वह इसकी मदद से बहुत कुछ करने में समर्थ होता है।
- अधिगम मानव जीवन में निरंतर चलता रहता है। पहले बच्चा घर पर अपने माता-पिता से सीखता है। बाद में स्कूल के अध्यापकों से सीखता है, इसके बाद वे समाज में प्रवेश करता है तथा अपने आसपास के लोगों से कुछ ना कुछ सीखता रहता है।
- अधिगम सामाजिक आवश्यकताओं के अनुसार होता है। मानव एक सामाजिक प्राणी है और समाज में रहते हुए कदम-कदम पर उसके जीवन में आवश्यकताएं उत्पन्न होती रहती है। इन आवश्यकताओं के कारण ही उसमें अधिगम अर्थात सीखने की प्रवृत्ति उत्पन्न होती है।
- अधिगम से मनुष्य का शारीरिक बौद्धिक सामाजिक तथा आर्थिक व सांस्कृतिक विकास होता है।
संक्षेप में हम कह सकते हैं कि सीखने की प्रक्रिया मानव जीवन में निरंतर चलती रहती है। अधिगम द्वारा ही मनुष्य विकास की ओर बढ़ता है तथा अपने जीवन को सफल बनाता है और जो व्यक्ति सीखने में आलस करता है,उसे जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। [यह भी पढ़ें: अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा – Meaning of Learning Part-1]
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Project ka sansaln karta h vibhin school visyo k chatro ko sikhne kikathinaiyo ki pahsan karana or unk liy sambhavit karn btaiye
accha ji
Yes