SUCCESS TIPS: 8 आदतें जो बदल देंगी आपकी जिंदगी

Advertisements

सफलता की आदतें – सफलता आज हर व्यक्ति के जीवन का सपना है सरल शब्दों में कहें तो आज हर व्यक्ति सफल होना चाहता है । हर कोई चाहता है कि उनका एक बेहतर  भविष्य हो और उनके पास हर चीज हो जो वो अपने जीवन में चाहता है । और ये कुछ भी हो सकता है जैसे कि किसी का घर हो सकता है किसी के लिए यह पैसा हो सकता है तो किसी के लिए यह उनका खुशहाल और सम्पन्न परिवार को देखना हो सकता है ।

क्योंकि एक व्यक्ति जो इस संसार में है तो वो चाहता है की वो जीवन में सफल और सारी चीजों से संपन्न हो जो उसे जीवन में चाहिए। और किसी भी तरह की कमी उसके जीवन में न हो और वह जब जो चाहे वो उसके पास हो ।

इन सभी ख्वाहिशों या सपनों को पूरा करने का एकमात्र जरिया है “पैसा” यानि ये कहा जा सकता है कि जिसके पास पैसे है वही अपनी हर जरूरतों और चाहतों को जिसे वो अपने जीवन में चाहता है पूरा कर सकता है

इतिहास गवाह है कि हर वो व्यक्ति जिसने अपने जीवन में सफलता हासिल की है उसने अपने जीवन को एक सिस्टेमेटिक ढंग से व्यवस्थित करके उसको अनुकरण करके या पालन करके ही वह आज एक सफल व्यक्ति बनकर अपनी हर इच्छा को पूरी कर पाया है ।

इस आर्टिकल में इस से जुड़ी कुछ आदतें है जिनका जिक्र यहां किया जा रहा है –

जो आपको आपके मंजिल तक के सफर में एक सफल व्यक्ति बनाने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

1.सुबह जल्दी उठना

सुबह जल्दी उठने का ये आदत आपको एक सफल व्यक्ति बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।सुबह जल्दी उठना हमें एक जिम्मेदार और अनुशासित व्यक्ति बनाता है । क्योंकि जब हम सुबह जल्दी उठते हैं तो सुबह का शुद्ध वातावरण हमें अपनी सकारात्मक शक्तियों और ऊर्जाओं से भरता है और रात को अच्छी नींद लेने के बाद जब हम उठते हैं तो हमारा न्यूरॉन अधिक क्रियाशील होता है । इस समय वो जो भी चीजें उसे मिलती है वो उन्हें तुरंत अपने हिप्पोकैंपस और टेंपोरल लॉब में संचित हो जाती हैं।

चूंकि इस समय दिमाग अत्यंत सक्रिय होता है वो परेशानियों और उलझनों को आसानी से सुलझाने में सक्षम होते है । और इस वजह से हम अपने दिन की किसी भी कार्य को सोचने या उसे सुलझाने या उन्हें पूरा करने में अधिक क्रियाशील होने की हमारे दिन कार्य अच्छा और बेहतर तरीके से संपन्न हो जाता है।

वो चाहे एक विद्यार्थी हो , एक पेशेवर हो, कोई व्यापारी हो ,या कोई किसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाला उम्मीदवार हो सभी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और जिसने अपने दिन की शुरुवात  सुबह से किया हो उसे सफल बनाने में प्रकृति भी साथ देती है।

2.टहलना

सुबह टहलने की आदत भी आपको बहुत ही साकारात्मक विचारों से भरती है । जब आप सुबह टहलने को निकलते हैं तो हमारे पांव का संपर्क पृथ्वी से होता है जिससे शरीर में  रक्त संचार की क्रिया बहुत सक्रिय होती है और इस कारण दिमाग के नर्वस सिस्टम को बहुत ही सकारात्मक विचारों को ऑपरेट करने के लिए प्रेरित करता है । जिससे सोचने समझने की शक्ति / क्षमता बढ़ती है।

और स्मरण शक्ति भी बढ़ती है । जिससे हमारी पूरे दिन भर के कामों और योजनाओं को सक्रिय बनाना आसान हो जाता है। और हमारे काम के बीच में आ रहे अड़चन और परेशानियों को सुलझाना बहुत ही आसान हो जाता है क्योंकि हमारा न्यूरॉन सिस्टम सक्रिय होता है।

3.ध्यान और व्यायाम

इसमें दो चीजें आती हैं 1.ध्यान 2. व्यायाम ध्यान एक क्रिया जिसमें हम खुद में खुद को ढूंढने की कोशिश करते हैं। दुनिया की , भविष्य की, वर्तमान की सभी चिंताओं और तनाव पूर्ण जीवन से अलग एक ऐसा संबंध हम खुद के और खुदा के बीच में बनाते जिसमें हम खुद को संसार की उन सभी चीजों से अलग कर अपने आपको एक आंतरिक शक्ति और साकारात्मक ऊर्जा से भरते हैं।

यह एक ऐसा संबंध है खुद से जिसमें हम खुद के ध्यान को अपने आंतरिक क्रियाओं की ओर केंद्रित कर उसपर नियंत्रण करने की कोशिश करते हैं। जैसे तनाव , अशांति, अस्थिरता, चिंताओं  मानसिक और शारीरिक क्रियाओं आदि पर नियंत्रण करना।

यानि इन सभी के असंतुलन में एक साकारात्मक आशा और संयम, धीरज, शांति और समृद्धि का एक जरिया है।

 व्यायाम –

व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक  होता है। इससे हमारे मांसपेशियां स्वस्थ और मजबूत बनते हैं। हमारा वजन भी नियंत्रित रहता। इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। ये न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यों पर भी नियंत्रण रखता है।यह दिमाग को तेज करता है। और कई तरह के बीमारियों आदि को कम या ठीक किया जा सकता है।

कई जगह हमे देखने को मिलते हैं कि कई लोग केवल व्यायाम से ऐसी बीमारी जो हमारी सफलता में बाधा बनती अपनी दृढ़ विश्वास और लगातार व्यायाम से उस नामुमकिन को मुमकिन कर अपने सफलता की ऊंचाइयों छू लेने की जज्बा रखते हैं।

4.अच्छी नींद

एक अच्छे दिन के शुरुआत के लिए जरूरी है अच्छे नींद को लेना। सुबह जल्दी उठने का ये आदत बनाना तभी संभव हो सकता है जब रात की नींद अच्छी तरह पूरी हो । क्योंकि आपकी नींद और प्रोडक्टिविटी का बहुत ही गहरा संबंध है। इसके लिए आपको अपनी नींद को क्वालिटी नींद बनाना होगा और क्वालिटी नींद बनाने के लिए आप अपने मोबाइल और स्मार्ट फोन और टीवी को सोने से एक घंटे पहले अपने से दूर कर लें। और कोई अच्छी और पॉजिटिव किताबें या कोई motivative किताबें आदि को पढ़ने का आदत बनाइए। ऐसा करने से आपके माइंड में पॉजिटिव विचारों का संचार होगा और आप एक नए दिन में पॉजिटिव और बेहतर विचारों के साथ दिन की शुरुआत कर पाएंगे।

और यही पॉजिटिव विचार और आदत ही आपको आपकी मंजिल के निकट और उज्ज्वल भविष्य की ओर आपका मार्ग प्रशस्त करेगी । और आप एक हर दिन भविष्य के एक बेहतर परिणाम को देखेंगे।

5.नाश्ता

नाश्ता हमारे जीवन का अहम हिस्सा है जी हां नाश्ता करना बहुत लोगों को साधारण बात लगता है । लेकिन यह हमारे शरीर और दिमाग दोनों के सक्रियता के लिए बेहद आवश्यक है। लेकिन अकसर हम अपने काम को ज्यादा महत्व देते हैं और सुबह के  नाश्ते को नजर अंदाज कर देते हैं। और ऐसा करने से ब्रेन को ऊर्जा नहीं मिलती जिससे कि मानसिक  प्रस्तुति प्रभावित होती है और concentrate करना मुश्किल हो जाता है।

ऐसे में  कुछ कार्य को पूरा करना बहुत कठिन हो जाता है । ऐसे में जरूरी है कि सेहतमंद और प्रोटीनयुक्त नाश्ते का सेवन करें ।

जिससे दिमाग को पर्याप्त ऊर्जा मिल सके ।  दिमाग को पर्याप्त ऊर्जा मिलने से ये अधिक सक्रिय ढंग से कार्य करते हैं। जिससे मेमोरी और concentration पावर बढ़ती है। और आपके दिनभर के कार्य को भी आसानी से संपन्न कर पाने में सक्षम होते हैं।

6.पूर्व योजना

पूर्व योजना यानि अगले दिन की तैयारी एक अच्छे दिन की शुरुआत सुबह होती है और एक अच्छे सुबह की तैयारी रात को होती है ये तैयारी हमें अगले सुबह और दिन भर के काम के लिए तैयार करती है । और ये काम हमें रात को ही करनी होती है । जब हम ऐसा करते हैं तो रात को ही अगले दिन के लिए तैयार हो जाते है और ऐसे में सुबह भी किसी तरह की हड़बड़ी कन्फ्यूजन भी नही होगी । इस तरह हमारा mind ये स्वीकार कर लेता है कि अगले दिन कौन सा काम कितने टाइम में पूरा करना है। और  हमारा mind  हमारे शरीर को अगले दिन के काम के लिए रात को ही कमांड कर देता है और हमारा शरीर उसके लिए तैयार हो जाता है।

ऐसा करने से हमारे दिमाग में अगले दिन का एक सूची बनकर तैयार हो जाता  है उदाहरण के लिए माना कि मैंने आज रात को ही कल के काम की योजना तैयारी कर ली है तो अब  मेरे दिमाग में कल के लिए एक क्रमवार  सूची बनकर तैयार हो जाएगा कि कल मुझे कितने बजे तक उठना होगा, कौन सा काम किस टाइम करना ठीक होगा,किस काम को पहले करना होगा, कितने टाइम तक कितना काम हो जाएगा और कितना रह जायेगा और उसको कितने टाइम तक पूरा किया जा सकता है।और फिर इस तरह पूरे दिन भर की योजना बन जायेगा।और फिर अगले सुबह उसको करना आसान हो जायेगा स्ट्रेस कम होगा, परेशानियां कम हो जाएगी और फिर वह दिन और कार्यों को पूरा आसान भी और अच्छा भी हो जाएगा और काम भी सही समय में खत्म हो जाएगा।

7.सम्पूर्ण कार्य की समाप्ति

सम्पूर्ण कार्य की समाप्ति यानी कि जितने काम एक दिन भर में करने के योजना में शामिल हो  उसे पूरा करना।कई बार ऐसा होता है कि लोग अकसर आज जिस काम को करना था उसको अपनी ही लापरवाही और कुछ अन्य असामाजिक तत्वों की वजह से आज का पूरा नहीं हो पाता और बचा रहकर अगले दिन में जुड़ जाता है।

अगले दिन उन नए योजनाओं के साथ पिछले दिन के काम के लिऐ अलग से समय निकालकर करना होता है। ऐसे में कई बार हमारे जरूरी काम को पूरा करने में ज्यादा परेशानियों और अड़चनों का सामना करना पड़ता है। और ऐसे उस काम को पूरा करने की वजह हर काम में विलंब होता जाता है ।और एक हमारी छोटी सी बात ही बाद बड़ी समस्या बन जाती है ।

तो इसलिए हमें अपने प्रतिदिन के कार्य योजनाओं को पूरा करना उतना ही जरूरी जितना कि हमे अपने प्रतिदिन अपने शरीर को जीवित और क्रियाशील बनाए रखने के प्रतिदिन का भोजन आवश्यक होता है।

8.साकारात्मक अंगीकार

अंगीकार एक तरह से वह कुंजी है जिसका प्रयोग कर हैं । अपने जीवन के हर वो नाकात्मक चीजें जिन्हें हम अपने जीवन में नहीं देखना चाहते केवल बोलने मात्र से उसे हम अपने जीवन से छुटकारा पा सकते हैं। इससे हम अपने ध्यान को फोकस को अपनी समस्याओं से हटाकर समाधान पर रखते हैं। यह कि हमारी जो परिस्थिति है उसके विपरीत बोलना क्योंकि जब हम ऐसा बोलते हैं तो बोलने से हमारे अंदर एक विश्वास उत्पन्न होता है।जो हमें स्मरण दिलाता है कि ये काम जिसे हम कर रहे हैं इसे करना कठिन हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं और यही विश्वास हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचाने में सहायक होता है।

और यह विश्वास ही है जो हैं हारकर भी जीतने की चुनौती देता है और हम कई बार गिरकर भी फिर से उठकर अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित होकर बढ़ते जाते हैं। यही है जो हैं हारकर भी ये बोलने में मजबूर करता है कि

” मैं विजयी हूं” और यह कहावत गौरतलब है कि ‘ मन के हारे हार और मन के जीते जीत ‘

विश्वास हमारे मन को हारने नही देता बल्कि वो हमारी हार में भी हमें विजयी घोषित करता है। और अंगीकार का मतलब ही यह है कि आप जो चाहते हैं वह हो जाएगा की घोषणा करना। कहते हैं न कि जो कभी मन से न हारे उसे खुदा भी नहीं हरा सकता और फिर वो उसे जीताने के लिए ही मजबूर हो जाता है।

इस तरह ये सभी एक दिनचर्या है जिसे हम अपने प्रतिदिन के जीवन में लागू कर आगे बढ़ सकते हैं। और अपने इन अच्छी आदतों के साथ अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं। ये आदतें आपकी जीवन ही हर क्षेत्र में लाभदायक साबित होगी। जैसी पढ़ाई के क्षेत्र में, व्यापार के क्षेत्र में, नौकरी के क्षेत्र में , प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में यह विद्यार्थी के जीवन के लिए भी अत्यधिक लाभदायक और बेहतर परिणाम को प्रदान करते करेंगे ।

निष्कर्ष Conclusion

यही आदतें एक व्यक्ति को आज्ञाकारी और आदर्श जीवन जीना सिखाती है और आज्ञाकारिता ही एक व्यक्ति को शिखर तक पहुंचाते हैं। और हर वह व्यक्ति जिसने सफलता को हासिल किया है उसने पहले खुद आज्ञाकारी बनाया है । क्योंकि आज्ञाकारिता न केवल स्कूल में , न केवल कॉलेज में बल्कि हमारे अपने व्यक्तिगत जीवन में भी बेहद आवश्यक है।और एक व्यक्ति एक आज्ञाकारी तभी बन सकता है। जब वह खुद में ईमानदार हो,और अपने हर कार्य को पुरी ईमानदारी से निश्चित समय में पुरा करता हो। इस तरह हर उस व्यक्ति को जो सफल होना चाहता है उसके लिए यह बेहद आवश्यक है कि सब कार्य निश्चित समय पर और पुरी ईमानदारी से करें।

जब इन सभी के साथ ही ये आदतें जीवन में होती हैं तो हम जीवन के सफल भविष्य की ओर केंद्रित होकर बढ़ते जाते हैं।और तब तक धीरज के साथ करते रहते हैं जब तक कि हम सफलता को हासिल नही कर लेते तो यही आदतें हमारी मिशाल बन जाती है। और फिर हमारी दिनचर्या का एक हिस्सा बन जाता है।

FAQ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

 

1.हमेशा सक्रिय कैसे बने रहें ?

उत्तर _एक व्यक्ति हमेशा सक्रिय तभी रह सकता है जब उसके पास एक पूर्व योजना हो । वो योजना चाहे आने वाले भविष्य का हो , पेशे का हो , घर के ही किसी काम का हो। पूर्व योजना ही हमें आने वाले भविष्य के लिए सक्रिय बनाता है।

2.जब परिस्थितियां विपरीत हो तो क्या करें ?

उत्तर _ जब परिथितियां विपरीत हो तो हमें धीरज के साथ काम लेना चाहिए,जल्दी में कोई भी निर्णय न लें ।अपने आस पास के किसी जानकार और अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेना जरूरी है। और अपने परिवार में अपने बातों को जरूर रखें और खुद में,और अपने मेहनत में विश्वास रखें कि आप जिस कार्य को कर रहे हैं वह सफल होगा और बेहतर होगा।क्योंकि कहा जाता है ‘मन के जीते जीत और मन के हारे हार’

और अपने साहस को न छोड़ें बल्कि और मजबूत कर आगे बढ़ते जाएं।

3.अपने विचारों को कैसे हमेशा साकारात्मक रखें ?

उत्तर _ अपने विचारों को हमेशा साकारात्मक बनाए रखने के लिए हमारे नजरिए को सही करना देखना हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाता है क्योंकि हम जो देखते हैं वही हमारे देखने के द्वारा हमारे दिमाग में कार्य करता है और यही हमारे सोच को प्रभावित करता है और हम अपने अंदर के उस सोच के अनुसार ही कार्य करने लगते हैं।

इसलिए जरूरी है कि जिन चीजों को हम अपने आस पास देखते हैं उनमें से कौन चीजें ऐसी हैं जो हमारे जीवन  के लिए है, जिसे हम अपने जीवन में लागू करके एक आदर्श जीवन बिता सकते हैं। और जैसे समुद्र की मछलियां खारे पानी में तो रहती हैं लेकिन खुद में खारेपन को आने नहीं आने देती उसी तरह हम अपने आस पास के चीजों को जिसे हम देखते हैं उनमें से जो अच्छी और उन्नति की हों उन्हें ही अपने जीवन में लागू करें ।

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

प्रिय पाठको इस वेबसाइट का किसी भी प्रकार से केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा किसी सरकारी संस्था से कोई लेना देना नहीं है| हमारे द्वारा सभी जानकारी विभिन्न सम्बिन्धितआधिकारिक वेबसाइड तथा समाचार पत्रो से एकत्रित की जाती है इन्ही सभी स्त्रोतो के माध्यम से हम आपको सभी राज्य तथा केन्द्र सरकार की जानकारी/सूचनाएं प्रदान कराने का प्रयास करते हैं और सदैव यही प्रयत्न करते है कि हम आपको अपडेटड खबरे तथा समाचार प्रदान करे| हम आपको अन्तिम निर्णय लेने से पहले आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करने की सलाह देते हैं, आपको स्वयं आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करके सत्यापित करनी होगी| DMCA.com Protection Status