डिप्टी कलेक्टर (Deputy collector) जिसे DC भी कहते हैं।यह एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी पद है जिसमें सभी राज्यों में राज्य लोक सेवा आयोग के द्वारा ही इस पद के लिए उम्मीदवार को योग्य उम्मीदवार घोषित किया जाता है।
Deputy collector बनने के लिए उम्मीदवार को PSC exam qualify करना होता है।
जैसा कि हम और आप सभी जानते हैं कि किसी भी राज्य को सुचारू रूप से चलाने के लिये तथा राज्य प्रशासनिक ढंग से व्यवस्थित बनाये रखने के लिये राज्य में अनेक विभाग बनाए गये हैं। और इन विभागों में कई उप-विभाग जिसकी सहायता से प्रशासनिक अधिकारी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति, आवश्यकता तथा परेशानियों की सही और आवश्यक जानकारी लेते हैं और उसका उचित,सही समय पर निराकरण करते हैं।
प्रमुखत:अगर हम बात करें डिप्टी कलेक्टर के काम की तो किसी भी जिले के कलेक्टर के बाद दूसरा स्थान डिप्टी कलेक्टर का ही होता है जो कि कलेक्टर के दिशा निर्देशों पर कार्य करता है।
इस तरह हम नीचे इस पद की पूरी जानकारी देखेंगे जैसे कि –
- Deputy collector किसे कहते हैं
- Deputy collector कैसे बनते हैं
- Qualification (योग्यता)
- Exam pattern (परीक्षा का पैटर्न)
- Salary (वेतन )
- Working (कार्य)
- Age limit (आयु सीमा)
जैसे कि आप और हम,सभी इस बात से अनजान नहीं हैं कि किसी भी जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी जो होता है वो है कलेक्टर , कलेक्टर ही किसी जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है यानी एक जिले की सारी शासन व्यवस्था को संचालित करने का अधिकार एक कलेक्टर के पास होता है।
और यह कतई संभव नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी भी राज्य, जिले या प्रशासन को अकेले ही या किसी एक ही विभाग के द्वारा पूर्ण रूप से चलाने में सक्षम हो यानी हर जगह किसी भी शासन व्यवस्था को या किसी भी जगह के समाज को सुचारू रूप से संचालित करने ओर लोगों के बीच की जानकारियों को पूरी तरह जानने ओर उसपर कार्य करने के लिए विभागों में उपविभाग तथा उस पर कार्यरत कई कर्मचारियों की मदद की आवश्यकता होती है।
Deputy collector किसे कहते हैं?
Deputy collector या DC जो कि किसी जिले में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी का कर्तव्य निभाता है। जो कि जिले के सबसे बड़े पद कलेक्टर के बाद के पद पर कार्यरत होता है।deputy collector, collector के निर्देशनों पर कार्य करता है तथा कलेक्टर के कार्यभार को संपन्न करने में सहायक होता है ।
जिससे कलेक्टर अपने कार्य भार के संपन्नता में काफी सरलता होती है। जिससे कि कलेक्टर अपने जिले जन मान्य तक पंहुचने और जनता की विभिन्न समस्याओं और समाज में निहित विभिन्न कमियों और जरूरतों का निरीक्षण कर उसका निवारण करना व जनता की हित के लिए कार्य करना और भी आसान हो जाता है।
उसी तरह कलेक्टर के गैर मौजूदगी में deputy collector जिसे मजिस्ट्रेट भी कहा जाता है। ये जिला प्रशासन में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इनका भी ये अधिकार होता है कि ये अपने अधिकार वाले क्षेत्र में कानूनन व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करें। इनको भी ये अधिकार होता है कि ये अपने क्षेत्र में योजनाएं बनाना, विभिन्न प्रकार के बुनियादी कार्यों को संपन्न कराना, विभिन्न प्रकार से समस्याओं का हल करना, सुरक्षा की जायजा व शांति व्यवस्था बनाए रखना आदि विभिन्न कार्य जो कलेक्टर के आदेश के विभिन्न पहलू होते हैं जिन्हें वे सुचारू रूप से संचालित करते और अपने कर्तव्य का निर्वहन करते है।
इसके अलावा deputy collector बड़े पैमाने पर भूमि व राजस्व से जुड़े कार्यों आदि को सुलझाना व राजस्व कार्यों से जुड़े लेख जो कलेक्टर तक पहुंचना है इस तरह के कई महत्त्वपूर्ण कार्यों कों वह बहुत ही बेहतरीन तरीके से संपन्न करता है।
Deputy collector न केवल कलेक्टर के बाद वाला पद संभालता बल्कि deputy collector को उनकी योग्यता के आधार पर विभिन्न प्रकार की posting अलग अलग जगहों पर दी जाती है। तथा समय के साथ इन पदों पर बदलाव भी किए जाते हैं । किसी डिप्टी कलेक्टर को आमतौर किसी जिले के कलेक्टर के बाद सबडिविजनल मजिस्ट्रेट के अलावा निम्नलिखित पदों पर नियुक्त किया जाता है
- Deputy collector
- लोकसभा चुनाव के दौरान सहायक निर्वाचन अधिकारी
- District supply officer
- Assistant commissioner
- रिवेन्यू कमिश्नर ऑफिस प्रेसिडेंट
- उपजिला निर्वाचन अधिकारी
- विधानसभा चुनाव के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर
- अनुविभागीय अधिकारी
- मुख्यमंत्री ,कैबिनेट मंत्री,राज्य मंत्री के निजी सचिव
- जनपद पंचायत
- मंत्रालय में उपसचिव
Deputy collector कैसे बनें
बता दें कि किसी भी उम्मीदवार को Deputy collector बनने के लिए PSC exam देना होता है।इस परीक्षा को पास करने के बाद कुछ education qualification की आवश्यकता होती है जिसे पूरा करने के बाद डिप्टी कलेक्टर बन सकते हैं। Deputy collector बनना
बहुत ज्यादा आसान तो नहीं और बहुत ज्यादा कठिन भी नहीं है बशर्ते जरूरत है थोड़ी मेहनत और लगन की, कलेक्टर बनने के लिए जितनी मेहनत करने की आवश्यकता होती है डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए उससे कम ही मेहनत करने की आवश्यकता होती है।
Deputy collector qualificationQualification –
- इस पद के पात्रता परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी के पास किसी भी शैक्षणिक संस्थान से graduation या post graduation की degree होनी चाहिए।
- Graduation में कम से कम 55%से ज्यादा अंक होने चाहिये।
- किसी भी विषय से ग्रेजुएशन कि डिग्री मान्य है।
Age limit –
- इस परीक्षा को देने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष
तथा अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष होनी चाहिए।
Exam –
- इस पद प्राप्त करने के लिए PSC exam qualify करना आवाश्यक होता है।
Examination step –
- ये परीक्षा तीन चरणों में पूर्ण की जाती है।
पहला – | preliminary test |
दूसरा – | mains exam |
तीसरा | interview |
Psc exam के Preliminary में दो पेपर होते है । इसमें दो प्रश्न पत्र हल करने होते हैं जिसमें पहला प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन का होता है जिसमें 200 अंक के 100 प्रश्न होते हैं तथा दूसरा aptitude test होता है जिसमें 100 प्रश्न 200 अंक के होते हैं।इसमें 2घंटे की टाइम limit होती है इसमें प्रति सही उत्तर में 2 नंबर सुनिश्चित होते हैं। और प्रति गलत उत्तर में ⅓नंबर कटते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा पूर्ण होने के बाद मुख्य परीक्षा आयोजित होती है जिसमें 7 पेपर होते हैं। इन पेपरों में वर्णनात्मक प्रश्न होते हैं जो केवल स्मृति स्मरण के बजाय उम्मीदवारों की सोचने की क्षमता,विश्लेषणात्मक कौशल और विषयों की गहरी समझ का आकलन करते हैं। जो कि निम्न प्रकार से है –
Paper name | Topics |
Paper 1 | Language paper |
Paper 2 | Essay paper |
Paper 3 | History, constitution Public administration |
Paper 4 | Science, Environment And technology |
Paper 5 | Geography, economics |
Paper 6 | Mathematics, logical Ability |
Paper 7 | Sociology, philosophy |
- इस परीक्षा के अंतिम चरण में interview शामिल है
- मुख्य परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
- इस तरह deputy collector बनने के लिए मुख्य परीक्षा के बाद आखिरी परीक्षा के रूप में interview लिया जाता है।
- Interview पास करने के बाद उम्मीदवार को पोस्ट में नियुक्त कर दिया जाता है।
- इस तरह जिनको जैसे अंक प्राप्त होते हैं उन्हें वैसे ही अलग अलग विभाग के महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति कर दी जाती है।
Power of deputy collector
Deputy collector का यह पद बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए इन्हें कई सुविधाओं का लाभ मिलता है। इस तरह डिप्टी कलेक्टर को भी विभिन्न विप सुविधाएं दी जाती है। Deputy collector को सरकार की ओर से जिस जगह पर वह कार्यरत होते हैं वहां एक एक बंगला उन्हें दिया जाता है । साथ ही एक सरकारी गाड़ी ड्राइवर के साथ,इसके अलावा उन्हें उनके आने जाने की सुविधा के लिए दो अन्य गाडियां भी उन्हें दी जाती हैं। साथ ही गाड़ी के ऊपर ब्लू लाइट लगी होती है। साथ ही मेडिकल सुविधा, और विभिन्न अन्य अन्य भत्ते आदि सुविधाएं उपलब्ध कराए जाते हैं।
साथ ही सुरक्षा के लिए बंगलों में तीन सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाते हैं।साथ ही कलेक्टर को व्यक्तिगत सुरक्षा के तौर पर दो अंगरक्षक की सुविधा प्रदान की जाती है।साथ ही Dc अधिकारी को किसी भी प्रकार का को भी बिल बहरने की आवश्यकता नहीं होती है। जैसे कि पानी, बिजली ,लाइट किसी भी तरह का कोई भी बिल नहीं भरना होता है। आजीवन पेंशन और सेवा निवृत्त लाभ की भी सुविधा प्रदान की जाती है।
Work of Deputy collector
Deputy collector बहुत महत्वपूर्ण कार्य होते हैं। मुख्य तौर पर deputy collector को प्रशासनिक कार्य को मॉनिटर करना होता है। और उसके रिपोर्ट को collector तक पहुंचाना है। मुख्य तौर पर भूमि राजस्व मामले पर कार्य करता है। Deputy collector राजस्व से जुड़े मामले को अपराधिक प्रक्रिया सहिंता 1973 के अंर्तगत कार्य करता है।लोक परिषद् अधिनियम के तहत् सक्षम अधिकारी के रूप में काम करता है।विवाह अधिनियम,जुलूस रैली,विधान सभा चुनाव,लोकसभा चुनाव,निर्वाचन अधिकारी,विभाग संबंधी ,श्रमिक कल्याण,पुलिस स्टेशन से अपराध का रिकॉर्ड मंगवाना,मामलों को जांच कराना सभी प्रकार के लाइसेंसों का नवीनीकरण करवाता है।
Salary of deputy collector
बात करें इस पद के सैलरी की तो इन्हें सैलरी के अलावा विभिन्न प्रकार के भत्ते तथा ग्रेड- पे उपलब्ध कराए जाते हैं।जिससे कलेक्टर को अच्छी खासी सैलरी मिल जाती है। चूंकि deputy collector के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पद होते हैं। इसलिए सभी पदों के लिए अलग-अलग सैलरी निर्धारित की गई है। इसके अलावा अनुभव तथा कार्य के आधार पर भी सैलरी निर्धारित करती है। इस तरह भत्ते,ग्रेड-पे और सैलरी के मिलाकर एक डिप्टी कलेक्टर की सैलरी महीने 1,5000 तक होती है।
Conclusion
जिले के collector के बाद यह जिले की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी नौकरी होती है।चूंकि यह इतना बड़ा पद होता है तो इसे हासिल करने में भी काफी मेहनत करने की आवश्यकता होती है। बशर्ते कलेक्टर के थोड़ा कम मेहनत करना होता है। Deputy collector का काम काफी महत्वपूर्ण होता है जिसे वह अपने जिले में कर्तव्य पूर्ण संपन्न करता है। किसी एक जिले में 5 से 7 deputy collector कार्यरत हो सकते हैं। जो अपने अपने क्षेत्रों में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं।
FAQ
1. Deputy collector बनने के लिए कौन सा परीक्षा पास करना होता है?
उत्तर – Deputy collector बनने के लिए PSC की परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता होती है।
2. Deputy collector किसे कहते हैं?
उत्तर – deputy collector एक प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है। जो कि कलेक्टर के निर्देशनों पर कार्य करता है। व कलेक्टर की गैर मौजूदगी में उनके विभिन्न कार्यों को संपन्न करने व कलेक्टर के आदेशों का पालन करता है।
3. deputy collector कैसे कलेक्टर की मदद करता है?
उत्तर – deputy collector, collector के विभिन्न कार्यों जैसे कलेक्टर के जिला स्तर पर भूमि विवादों,सामाजिक सुरक्षा,अपराधिक न्याय प्रणाली के मुद्दों से सबंधित मामलों को संभालने में उनकी सहायता करता है।