शिक्षा के क्षेत्र में शिषण (Teaching) तथा अधिगम

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इस लेख में शिक्षण (Teaching) से संबंधित विषय पर चर्चा किया गया है हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे, शिक्षण (Teaching) का अभिप्राय क्या है ? साथ ही साथ हम जानेंगे की एक सफल शिक्षण की विशेषता क्या है? और शिक्षण की प्रकृति (Nature) और उसकी विशेषताओं के बारे में चर्चा करोगे। 

अच्छे शिक्षण की विशेषताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन : 

शिक्षा के क्षेत्र में शिषण (Teaching) तथा अधिगम (Learning) का विशेष महत्त्व है। दोनों का एक – दूसरे से गहरा संबंध है। शिक्षण द्वारा अध्यापक विद्यार्थियों को कुछ सीखने के योग्य बनाता है तथा उनकी शक्तियों को विकसित करता था। उनके छुपे हुए गुणें को प्रकट करता है। प्राचीनकाल में अध्यापक विधार्थियों को पाठ पढ़ाकर अपने द्वायित्व से मुक्त हो जाता था। लेकिन अब वह विभिन्न सहायक साधनों द्वारा बच्चों को शिक्षा देता है। अध्यापन – प्रकिया में अध्यापक, विद्यार्थी तथा विषय सामग्री का त्रिकोणीय सम्बन्ध है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे पूर्व निशिचत उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए वस्तुओं का विधिपूर्वक तथा मनोवैज्ञानिक प्रयोग किया जाता है। शिक्षण द्वारा ही विद्यार्थियों के व्यवहार में बदलाव लाया जा सकता है ताकि वह समाज के साथ रहने और अपना विकास करने के तरीकों को जान सकें। 

परिभाषाएँ – विद्वानों ने शिक्षण की अलग अलग परिभाषाएँ दी हैं- 

  1. शिवकुमार मिश्र के अनुसार – ” शैक्षिक तकनीकी को उन तकनीकों एवं विधियों का विज्ञान कहा जा सकता है, जिसके द्वारा शैक्षिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकें। 
  2. आर.ए. कॉक्स के अनुसार – ” मनुष्य की सीखने की दशाओं में वैज्ञानिक प्रक्रिया का प्रयोग शैक्षिक तकनीकी कहलाता है। राष्ट्रीय शिक्षा तकनीकी परिषद् (NCET) की शिक्षा शिक्षा सम्बन्धी परिभाषा इस प्रकार है, ” शिक्षा तकनीकी माननीय अधिगम की प्रक्रिया में मानव शिक्षण के ढाँचे, तकनीकों और सहायक सामग्री का विकास प्रयोग और मूल्यांकन करती है।” 
  3. बर्टन के अनुसार – ” शिक्षण अधिगम का उद्दीपन, निर्देशन एवं प्रोत्साहान है।” (Teaching is the stimulation, guidance, direction and encouragement of leaning.”) 
  4. एन. एच. गेज द्वारा दी गई परिभाषा – ” शिक्षण अन्तः व्यैक्तिक प्रभाव का एक रूप है, जिसका उछेश्य दूसरे व्यक्ति की व्यवहार क्षमता को परिवर्तित करना है।” Teaching is a form of inter-personal aimed at changing the behaviour potential of another person.”) 
  5. क्लाक के अनुसार – ” शिक्षण वे कियायें हैं, जिनका निर्माण एवं कार्यान्वयन विद्यार्थी के व्यवहार में परिवर्तन करने के लिए किया जाता है।” (Teaching refers to activates that are designed and performed to produce change in student behavior.)” 

विशेषताएँ/प्रकृति (Characteristics/Nature) 

  1. अच्छा शिक्षण वही है जो विद्यार्थी की अवश्यकतओं को समझें और उन्हें पूरा करें। 
  2. अच्छा शिक्षण हमेश विद्यार्थी को न केवल वर्तमान के लिए, बल्कि भावी जीवन के लिए शिक्षा देता है। यह जहॉ एक ओर विद्यार्थी के वर्तमान जीवन को सफल बनाता है वहाँ उसके भावी जीवन का विकास करने में सहायता करता है।
  3. प्रत्येक विद्यार्थी की अनेक सामाजिक आवश्यकताएँ होती हैं। यदि उचित ढंग से शिक्षण दिया जाए तो विद्यार्थी अपनी सामाजिक पृष्ठभूमि को अच्छी प्रकार समझ लेता हैं और फिर उन आवश्मश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करता है। यदि विदद्यार्थी की सामाजिक आवश्यकताएं पूरी नहीं होती तो इसका मतलब यह है कि शिक्षण की प्रक्रिया सही नहीं थी। 
  4. एक अच्छा और सफल शिक्षण न केवल शिक्षा के उद्देश्य का निर्धारण करता है, बाल्कि उसे पूरा भी करता है। 
  5. एक अच्छा और सफल शिक्षण उचित समायोजन करता है। ऐसा करने से निद्यार्थी के सभी काम सफल होते है। यदि विद्यार्थी समायोजन करके पढ़ता है तो उसके सामने कोई बाधा नहीं आती और उसे सफलता प्रात हौती है। 
  6. शिक्षण काल में अध्यापक और विद्यार्थी दोनों के सामने अनेक बाधाएं तथा कठिनाइयां उपस्थित होती हैं। उचित व अच्छे शिक्षण द्वारा अध्यापक न केवल अपनी बल्कि विद्यार्थियों की कठिनाइयों का हल निकालता है और बाधाओं को दूर करता है। 
  7. एक सफल और अच्छे शिक्षण की प्रमुख प्रवृति यह है कि अध्यापक विद्यार्थियो के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करता है। वह हमेशा विद्यार्थियो की समस्याओं को गहराई से समझता है और उनकी सहायता करता हैं। 
  8. एक सफल और अच्छा शिक्षण रचनात्मक होता है। इसके माध्यम से अध्यापक विद्यार्थियों में रचनात्मक शक्तियों को सक्रिय करता है। जिससे विद्यार्थी पढ़ाई में सफल होता है। 
  9. एक अच्छा और सफल शिक्षण विद्यार्थीयों के लिए उचित वातावरण का निर्माण करता है। 
  10. शिक्षण की महत्वपूर्ण प्रवृति यह है कि इसके द्वारा विद्यार्थी के व्यवहार में आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकता है। व्यवहार परिवर्तन विधार्थी के लिए नितांत आवश्यक है क्योंकि इसके बिना वह उचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता। 
  11. अच्छा शिक्षण छात्रों के हित में होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि शिषण हमेशा बच्चों के मानसिक स्तर, उसकी आयु तथा उनकी रूचियों के अनुसार होना चाहिए। 
  12. एक अच्छा और सफल शिक्षण विद्यार्थियों को अधिकाधिक ज्ञान प्राप्त की प्रेरणा देता है। 
  13. अच्छा शिक्षण बच्चों को चिरस्थायी ज्ञान प्राप्त कराता है। यह तभी संभव है जब विधार्थी उचित श्रव्य सामग्री का प्रयोग करेगा। 
  14. अच्छे शिक्षण के फलस्वरुप विद्यार्थी सक्रिय होकर शिक्षण में भाग लेते हैं। 
  15. एक अच्छा शिक्षण विद्यार्थियों की कुशलताओं को विकसित करने के लिए उचित वातावरण प्रदान करता है। प्रत्येक विद्यार्थी में प्रतिभा होती है, उस प्रतिभा को बाहर निकालना अध्यापक का कर्तव्य है। गाँधीजी ने कहा था – ( By education I mean an all round drawing out the best in child and men I.e, body, mind and sport.) 
  16. अच्छा शिक्षण विद्यार्थियों को उचित निर्देशन देता है और एक अच्छा अध्यापक उनकी समस्याओं का हल निकालने में उनकी सहायता करता है। कभी – कभी अध्यापक द्वारा दिए गए निर्देशन से विद्यार्थी स्वयं समस्याओं का हल निकाल लेते हैं। 

संक्षेप में हम कह सकते है कि अच्छा शिक्षण न केवल विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि उनके भावी जीवन को विकसित करने में उनकों सहायता पहुँचाता है।

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