बीएससी B.Sc करने के बाद क्या करे?

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जब आप एक स्कूली विद्यार्थी होते हैं तो आपके दिमाग पर किसी निश्चित लक्ष्य को लेकर एक अलग ही जुनून होता है और संरचनात्मक भविष्य की चित्र बनती रहती है फिर जब आप 12 वीं पास करके ग्रेजुएशन के क्षेत्र में आते हैं तब आप अपने पसंद के या अपने लक्ष्य से जुड़े हुए सब्जेक्ट्स को चुनते और आप उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं।

यहां तक तो ठीक है लेकिन अब बात आती है ग्रेजुएशन के बाद कैरियर ऑप्शन की तो ये बात हर बैचलर B.sc स्टूडेंट्स के अंदर आती है कि B.sc के बाद अब आपके और क्या क्या कैरियर ऑप्शन है और आप किस किस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते है ? 

कई बार ऐसा होता है कि आप 12वीं, और फिर 12वीं पास करने के बाद किसी के लक्ष्य निर्धारित हो वह तो अपने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत करते और उसी के अनुसार अपने पढ़ाई के क्षेत्र को चुनते हैं और आगे बढ़ते हैं।और कई लोगों को 12वीं के बाद भी कुछ समझ नहीं आता तो फिर वे सोचते हैं कि साल बर्बाद करने अच्छा कॉलेज कर लेते हैं।

कॉलेज कर लेने के बाद भी कई लोग अपने लक्ष्य को निर्धारित कर उसकी ओर अपने कदम बढ़ाने लगते हैं और एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ते ही जाते हैं। 

वहीं दूसरी ओर कई लोग  b.sc करने के बाद सोचते हैं कि अब आगे की पढ़ाई करनी चाहिए या फिर किसी job के क्षेत्र में जाना चाहिए,या किसी दूसरे विषय से आगे की पढ़ाई पूरी करने,

या फिर कई लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वे या तो पढाई के साथ जॉब करते हैं या कुछ लोग पढ़ाई छोड़ कर अपने परिवार आदि की जिम्मेदारियां उठाने लगते हैं।

और कई लोग जानकारी की कमी की वजह से पीछे हट जाते हैं।

इस तरह  आपके जीवन में होने वाली विभिन्न परिस्थितियों और सवालों के सही उत्तर और जानकारी इस पेज के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है 

 उच्च शिक्षा – 

  1. M.sc :-  M.sc का फुल फॉर्म master of science hota है m.sc आपके B.sc ग्रेजुएशन में से किसी के विषय को चुनकर उसपर हायर स्टडी करने की प्रक्रिया है। यह एक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री है इसमें रिसर्च से संबंधित कार्यों में विशेषज्ञ होने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। जिस से छात्र रिसर्च के क्षेत्रों में एक अच्छे अनुभवी के रूप में अपना पहचान बना सकते हैं।साइंस फिल्ड का अच्छा ज्ञान हो जाता है। और जिसके बाद उन्हें नर्सिंग, हॉस्पिटल्स, लेब्स, फार्मा इंड्रस्ट्री, रिसर्च इंड्रस्ट्री आदि में जॉब के अवसर मिलते है। 

  2. PHD पीएचडी : PHD (Doctor of Philosophy)  इसमें प्रत्याशी को किसी एक विषय वस्तु पर बहुत विस्तार से पढ़ाई करनी होती है।जिस विषय की आप पढ़ाई कर रहे हैं उसका बहुत ही गहन अध्ययन किया जाता है। यह डिग्री आमतौर पर एक व्यक्ति को प्राप्त होने वाली सर्वोच्च शिक्षा की वह उच्चतम स्तर है जिसमें एक व्यक्ति किसी एक विशिष्ट विषय वस्तु पर बहुत ही गहराई से अध्ययन कर उस विषय में महारत हासिल कर लेते हैं और अंततः एक विद्यार्थी खुद से  उस चयनित विषय का निचोड़ निकालता है 

    यह मास्टर डिग्री के बाद की जाने वाली डिग्री है ।इस डिग्री 3-6 में पूरी की जाती है। PHD  की अवधि आम तौर पर 3 साल की होती है लेकिन 6 साल समय भी दिया गया है यह एक सुविधा है कहना चाहिए सुविधा इसलिए क्योंकि PHD में आपको रिसर्च और thesis करना होता है तो 3 साल में इसे पूरा करने के लिए बहुत ज्यादा समय और मेहनत दोनों करने की जरूरत होगी ।

    इसलिए इस सुविधा की मदद से आप 6 साल में  बहुत अच्छी तरह से इसे कर सकते हैं। यह डिग्री आमतौर पर मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद किया जाता है लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू जी सी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले उम्मीदवार सीधे पीएचडी कर सकते हैं। उन्हे मास्टर डिग्री करने की आवश्यकता नहीं होगी।

    पीएचडी करने के बाद आप अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाते हैं। क्योंकि पीएचडी एक डॉक्टर की डिग्री है ।इसमें आप किसी भी एक विषय का अध्ययन आप पूरे संशोधन के साथ करते हैं। यानी उस एक विषय का पूरा निचोड़ आपको इस डिग्री में सीखने का अवसर मिलता है।

    इस कोर्स को करने के बाद आप कॉलेज में प्रोफेसर और लेक्चरर बनने के लिए योग्य उम्मीदवार बन जाते हैं। पीएचडी आप किसी भी एक विषय से कर सकते हैं।

    पीएचडी  कौन कौन से विषय में की जा सकती है इसकी जानकारी नीचे दी जा रही हैं 

    • अंग्रेज़ी
    • हिंदी
    • इतिहास
    • एग्रीकल्चर
    • मनोविज्ञान
    • रसायन विज्ञान 
    • भौतिक विज्ञान 
    • जीव विज्ञान 
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय प्रशासन
    • समाजिक कार्य
    • कानून 

    3. B.ED Bachelor of Education 

    B. ED (bachelor of education) कर लेते हैं तो आप स्कूल आदि जगहों पर शिक्षण कार्य हेतू योग्य हो जाते हैं। इस तरह अगर आपके हाथ में M.sc की डिग्री है तो आपके बेरोजगार होने का सम्भावना बहुत विरल (कम) या ना के बराबर होता है।

    ये कहना चाहिए कि अगर आप M.sc से पोस्ट ग्रेजुएट हैं तो आप बेरोजगार नहीं हो सकते आपके आस आय के कई स्रोत उपलब्ध होते हैं।

    B.ED Bachelor of Education  यह एक टीचर ट्रेनिंग कोर्स है। इस कोर्स को करने के बाद आपको किसी भी क्षेत्र में एक शिक्षक के रूप में योग्य माना जाता है ।

    यह 2 वर्ष का होता है  एनसीईआरटी के नियमानुसार अगर आप किसी भी लेवल पर टीचर बनना चाहते हैं तो आपको टीचर  इस कोर्स को करना बेहद जरूरी होता है।

    इस कोर्स में आपको  एक स्कूल में बच्चों के साथ कैसे व्यवहार करना है ,उन्हे कैसे सीखाना है, उनसे किस तरह की  बातें करनी हैं,साथ ही साथ एक विद्यार्थी के मन को किस तरह से पढ़ाई की ओर  कैसे आकर्षित करें आदि की ट्रेनिंग दी जाती है।

    उन्हे सांस्कृतिक नैतिक , आध्यात्मिक , दार्शनिक ,शारीरिक ,सामाजिक , व्यवहारिक रूप से कैसे सक्षम बनाया जाए इन सभी चीचों की जानकारी या पूरा स्कूली ज्ञान जो एक कक्षा के होनहार बच्चे और कमजोर दोनों ही के उन्नति के लिए उन्हे किस तरह के व्यवहार या कैसे उन्हे आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन किया जाए इन सभी चीचों को इस ट्रेनिंग में सिखाया जाता है।

    और उन्हे एक बच्चे के साथ किस तरह से पेश आना है इसकी शिक्षा दी जाती है।

    4. MA (Master of Arts)

      MA (master of arts) यह आर्ट्स के विषय में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के लिए की जाती है । यह दो वर्ष का कोर्स है। इसे जिन विद्यार्थियों ने आर्ट्स विषय से ग्रेजुएशन किया हुआ है वे अपनी उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए MA की मास्टर डिग्री का चुनाव करते हैं। लेकिन  इन विद्यार्थियों के अलावा B.sc और B.com के विद्यार्थी भी इस क्षेत्र का चुनाव करते हैं और अपनी शिक्षण कार्य को जारी रख कर उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं।

    चिकित्सा के क्षेत्र में :-

    • B.sc graduation के बाद अगर आप चिकित्सा के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो मेडिकल क्षेत्र आपके भविष्य के लिए बेहतरीन विकल्प है। चूंकि  मेडिकल फील्ड विज्ञान से संबंधित है । और आपके एक B.sc students होने के नाते  आप भी साइंस background होने के कारण

    इस क्षेत्र में करियर बनाना आपके लिए और भी आसान और फायदेमंद है । चिकित्सा के क्षेत्र में आप निम्न जगहों से अपने कैरियर की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।

    5. डॉक्टर

    डॉक्टर की पढ़ाई करने के लिए आपको सबसे पहले NEET(यह  राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा है।) यह राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा संचालित किया जाता है इसे मूल रूप से all India pre medical test (AIPMT) भी कहा जाता है। भारतीय चिकित्सा और दंत चिकित्सा संस्थानों में MBBS और BDS degree के लिए प्रवेश परीक्षा। है। अधिकतर विद्यार्थी स्कूल की पढाई पूरी करने के तुरंत बाद NEET की तैयारी करने के लिए कोचिंग सेंटर आदि से जुड़ जाते हैं।और इस परीक्षा को पास करके MBBS,BDS जैसे चिकित्सकीय क्षेत्रों में अपना कैरियर बनाते हैं। कुछ कैरियर विकल्प जिसे आप MBBS करने के बाद कर सकते हैं।और जिनकी आर्थिक आय भी बहुत अच्छी है

    6. मेडिकल सर्जन

    एक मेडिकल सर्जन मुख्य रूप से सर्जिकल टीम लीडर होते हैं। ये रोगी को निरंतर जरूरी चिकित्सकीय देखभाल के लिए  उत्तरदायी होते हैं।

    मेडिकल सर्जन सर्जिकल टीम के प्रमुख सदस्यों के सहयोग और समन्वय सुनिश्चित करते हैं। आमतौर पर ऑपरेशन थिएटर में सर्जन , anesthesiologist, नर्सिंग स्टाफ और एक अन्य सहायक सर्जन की आवश्यकता होती है। अनेक प्रकार के बीमारियां जिनमें ऑपरेशन के केस होते हैं। 

    ये ऑपरेशन की प्रक्रिया इन्हीं के द्वारा पूरी की जाती है। ये अधिकतर ऑपरेशन वाली स्थितियों के बीच में सुनिश्चित सर्जिकल प्रक्रियाओं का पालन करते हैं।

    7.जनरल फिजिशियन

    जनरल फिजिशियन सक्षम रूप से प्रशिक्षित चिकित्सक होते हैं।जो कि वृद्ध रोगियों को विभिन्न प्रकार के अशल्यक चिकित्सा निराकरण करते हैं।

    ये चिकित्सक जटिल एवं गंभीर  स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का इलाज़ करते हैं। और ये रोगी का इलाज़ तब तक करते हैं जब तक कि इस जटिल समस्या का इलाज़ न हो जाए।

    ये रोगियों के इलाज़ के लिए कई भिन्न भिन्न तरीके से काम करते है , लंबे अवधि के बीमारी के निदान से लेकर स्वास्थ्य सम्बन्धी सुझाव देने तक फिजिशियन बनने के लिए एक भिन्न स्तर की बुद्धि और शिक्षा की आवश्यकता होती है।

    जिसके लिए मुख्यतः स्नातक डिग्री मेडिकल स्कूल की डिग्री और लंबे समय तक अभ्यास की जरूरत होती है

    8. बाल रोग विशेषज्ञ 

    ये चिकित्सक बच्चों में होने वाली विभिन्न बीमारियों एवं समस्याओं के समाधान के लिए जिम्मेदार होते हैं ये ऐसे चिकित्सक होते हैं जो बच्चों में होने वाली उन बीमारियों के वृद्धि को रोकने तथा उसे खत्म करने के लिए आवश्यक सुझाव व समाधान देते हैं।

     साधारणतः  शिशु और छोटे बच्चे अपने साथ हो रहे स्वास्थ्य बदलाव को , और उस भावना को जिसे वे व्यक्त नहीं कर पाते ये चिकित्सक बच्चों की इस स्थिति में भी उनको हुए बिमारी की चिन्हों एवं माता पिता से पूछताछ के दौरान एकत्रित जानकारी व लक्षणों के आधार पर उनका इलाज़ करते हैं। शारीरिक प्रदर्शन का  परीक्षण और देख -रेख करने के लिए बाल रोग विशेषज्ञ शिशुओं और छोटे बच्चों पर नियमित रूप से विस्तृत परीक्षण करते हैं  और उनके स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन करते हैं।

    9. डायटिशियन – 

    पोषण विषेषज्ञ आमतौर पर रोगियों या जनता के लिए एक नियंत्रक की तरह कार्य करते हैं वे भोजन आदि से सबंधित सलाह देते हैं जैसे किस रोगी को कब क्या खाना है,या फिर सामान्य व्यक्ति जिसे अपने भोजन से संबंधित समस्याओं आदि के सलाहकार होते हैं।

    ये पोषण और स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान प्रदान करते हैं और इस तरह ये स्वस्थ और फिट रहने में मदद करते हैं। वे जीवन को स्वस्थ एवं रोगमुक्त करने के लिए स्वस्थ पोषण और उचित भोजन विकल्प और पोषण नियंत्रण के मूलभूत सिद्धांतों के बारे में लोगों व विभिन्न संस्थानों को प्रशिक्षित भी करते हैं।

    वे पोषण स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा मानकों को नियंत्रित बनाए रखने के लिए खाद्य सेवा की गतिविधियों की निगरानी निरंतर करते रहते हैं।

    10. न्यूरोलॉजिस्ट –

    न्यूरोलॉजी  आधुनिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें ब्रेन व इसके विभिन्न सिद्धांत केंद्रित होते हैं।ये मस्तिष्क व तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी की पढ़ाई व इलाज़ से संबंधित होते हैं। तंत्रिका तंत्र  पूरे शरीर की क्रियाकलापों का नियंत्रण करते हैं। हमारे इन्द्रियां भी इन्हीं के द्वारा संचालित व नियंत्रित किए जाते है । हमारे शरीर में होने वाले ऐच्छिक और अनऐच्छिक क्रियाओं दोनों  पर इनका ही संचालन व संतुलन रहता है ।

      • एपिलेप्सी
      • सिरदर्द
      • सेरेब्रो वेस्कुलर दुर्घटनाएं जैसे इकेस्मिक तथा हेमोरेजिक तथा वेंस स्ट्रोक्स
      • न्यूरोइंफेक्शन 
      • न्यूरोपैथीज
      • मूवमेंट डिसऑर्डर जैसे पार्किंसंस रोग 
      •  अनिद्रा
      • डिमेंशिया
      • नर्वस सिस्टम पर असर डालने वाले सिस्टमैटिक डिसऑर्डर 
      • मसल डिसऑर्डर
      • मिसथिनिया ग्रेविस जैसे न्यूरोमस्कुलर जंक्शन डिसऑर्डर इत्यादि ।

    इलाज़ के दौरान एक न्यूरोलॉजिस्ट को पूरे ध्यान से रोगी के रोग जुड़े इतिहास का अध्ययन करना पड़ता है। और रोगी के सटीक इलाज़ के लिए  उस रोग के लक्षणों का बारीकी से विश्लेषण करना होता है।  ये  मेडिसिनल विज्ञान की सबसे प्रमुख तार्किक विज्ञान है ।और  आज भी बहुत से वैज्ञानिक मस्तिष्क , तंत्रिका तंत्र , मेरुरज्जू आदि से जुड़ी रहस्यों की खोज में निरंतर प्रयासरत हैं

    11.हड्डी रोग विशेषज्ञ –

    ये अस्थि  तथा संधियों के रोगों एवं विकारों के उपचार के लिए प्रशिक्षित जाते हैं। ये हड्डियों से सभी प्रकार के बीमारियों एवं अनियमितताओं के इलाज़  देख -रेख के लिए जिम्मेदार होते हैं।

    इसके आलावा और भी मेडिकल डिग्री है जो आप अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद या Bsc के बाद MBBS करने के बाद कर सकते है।

    • BUMS
    • BAMS (Bachelor of ayurvedic medicine and surgery)            
    • BHMS (Bachelor of Homeopathic medicine and surgery)
    • BDS (Bachelor of dental surgery )
    • M.CH 
    • MD (Docter of medicine)
    • MDS (Master of dental surgery)

    डिप्लोमा कोर्स सामान्यतः कम समयावधि में पूरी की जाने वाली एक बहुत ही लाभदायक और कम समय में अपने भविष्य में अपने पैरों पर खड़े होने और आर्थिक लाभ की दृष्टि में भी यह एक बेहतरीन विकल्प और सुनहरा अवसर प्रदान करता है। यह 2 या 3 साल का कोर्स होता है। बहुत से  विद्यार्थी स्कूल से अपनी पढाई पूरी करने के पश्चात इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाते हैं। कुछ  डिप्लोमा कोर्सेस नीचे दिए जा रहे हैं –

    • रेडियोलॉजी या रेडियोग्राफी (एक्स-रे और ईसीजी) में डिप्लोमा 
    • डायलिसिस टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा
    • फिजियोथेरिपी में डिप्लोमा 
    • मेडिकल प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा
    • ऑपरेशन थिएटर तक्नीशियन (OTT)

    12.एग्रीकल्चर के क्षेत्र में –

    एग्रीकल्चर के क्षेत्र में यदि आप विज्ञान के विद्यार्थी हैं तो एग्रीकल्चर का क्षेत्र भी आपके भविष्य के लिए बेहतरीन कैरियर ऑप्शन है। यह क्षेत्र आपके दैनिक जीवन के लिए अनेक तरह से लाभदायक  भी हो सकता है। क्योंकि अगर  आप एक एग्रीकल्चर स्टूडेंट हैं तो आप उसमें एग्रीकल्चर से जुड़ी कई चीजों जैसे कि मिट्टी,पानी, भूमि, बीज, रसायनिक खाद एवं दवाइयां आदि साथ ही खेती करने से संबंधित विभिन्न नए तकनीक व तरीके तथा विभिन्न पौधों एवं पेड़ों को उन्नत तरीके से उपजाने आदि के विषय में गहन अध्ययन कर उसकी अच्छी शिक्षा व जानकारी लेकर इसे आप अपने दैनिक जीवन के क्रियाकलापों पर भी कार्य कर सकते हैं।

          यह एक ऐसा विकल्प है जिसमें आप अच्छी शिक्षा लेकर जॉब के अलावा आपके पास अपना आर्थिक स्रोत हो सकता है। कहने का  तात्पर्य है कि आप एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अच्छी और गहन अध्ययन करके अपना एक बिजनेस शुरू कर सकते हैं। चूंकि आप एक एग्रीकल्चर स्टूडेंट होंगे तो आपको भूमि की जुताई ,खुदाई से लेकर बीज लगाने तथा बीज लगाने के बाद उसमें सिंचाई , निंदाई तथा आवश्यक खनिज पदार्थों की कितनी मात्रा कब देनी है कैसे देनी है , कौन सी रसायनिक पदार्थ उपयोग में लाने आदि की अच्छी  जानकारी होगी । जिससे कि आप अपने खेतों , बगीचों , नर्सरी आदि जगहों पर इसकी अच्छी उपज उपजाकर अपने दैनिक जरूरतों के साथ ही साथ आप एक अच्छा व्यापार शुरू कर के अच्छी आमदनी की कमाई कर सकते हैं साथ ही लोगों की सेवा भी की जा सकती है।

    मैनेजमेंट के क्षेत्र में –

    13. MBA master of business administration-

      यह 2 साल की डिग्री प्रोग्राम है।  कोर्स में व्यवसाय कौशल , व्यवसाय प्रबंधन , विपणन कौशल आदि के बारे में गहन अध्ययन की जाती है। इस कोर्स में व्यापार की समझ तो विकसित होती ही है साथ में आपके द्वारा चुने हुए क्षेत्र में औधोगिक एक्सपोज में भी वृद्धि होती है।  MBA कई क्षेत्रों में की जाती है –

    • मार्केटिंग में एमबीए (MBA in Marketing)

    MBA का यह मार्केटिंग काफी बड़ा और प्रतियोगी है एमबीए मार्केटिंग में उम्मीदवारों को उपभोक्ता व्यवहार (consuming behaviour) , बाजार विज्ञापन (market advertising)  इस तरह इस क्षेत्र से संबंधित विभिन्न चीजों को अत्यंत बारीकी से सीखने और समझने का अवसर प्राप्त होता है। ये उन उम्मीदवारों के लिए बेहद ही फायदेमंद है जिनमें  बेहतरीन संचार कौशल (communication skills ) हों ,अपने मौजूदा स्रोत का उचित इस्तेमाल करने का गुण हो ,और जिसमें दृढ़ विश्वास हो यानि हर हाल में व्यापार में टिके रहने का साहस और हुनर रखता हो। 

    • HR में एमबीए (MBA in HR)

    HR (Human resource) में एमबीए करना उन उम्मीदवारों के लिए बेहद सुनहरा अवसर देता है जिनमें अच्छी संचार कौशल (communication skill, आकर्षक व्यक्तित्व और अपने काम के प्रति पूर्ण आत्मविश्वासी हो। HR में एमबीए के लिए बहुत ही अच्छे उम्मीदवार माने जाते हैं।

    •  अर्थव्यवस्था में एमबीए ( MBA in finance )

     यह एमबीए विशेषज्ञता का सबसे पुराना  विषय है।इस कोर्स में आपको Costing,Budgeting ,Internal finance,Capital management जैसे विषय की तैयारी की जाती हैं इन सभी विषयों के बारे गहन अध्ययन करने के बाद आप financial management में विशेषज्ञता बन जाते हैं।इस तरह आप किसी भी organization के finance department में जॉब के लिए योग्य हो जाते हैं। इससे आप कहीं के भी Finance department में नौकरी के लिए आवेदन कर कार्यरत हो सकते हैं।इसके लिए आपको को किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना आवश्यक है।

    • ऑपरेशन में MBA (MBA in operations)

    यह एमबीए कोर्स में प्रोडक्शन मैनेजमेंट में सहायक होता है। इस कोर्स में आप process flow को नियंत्रित करना सीखते हैं।इसके साथ ही विक्रेता और शाखाओं के बीच के संबंध को बनाए रखने का गुण सीखते हैं। जो उम्मीदवार अभियांत्रिकी (engineering) पृष्ठभूमि के होते हैं।इस क्षेत्र के अधिकतर  विद्यार्थी इस क्षेत्र में एमबीए करते हैं। क्योंकि उत्पाद विकास योजना बनाने वाले (designing) और प्रोसेस ऑप्टिमाइजेशन की अच्छी जानकारी होने की वजह से ये उम्मीदवार इस क्षेत्र में सरलता से  ढ़ल जाते हैं। इस कोर्स को करने के लिए भी किसी भी विषय से ग्रेजुएट होना आवश्यक है।

    • अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एमबीए (MBA in International business)

    Master ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस में अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन जैसे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार और अर्थव्यवस्था की गहराई से अध्ययन की जाती है। एमबीए की इस डिग्री ने बहुराष्ट्रीय कोऑपरेशन पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाता है।इस कोर्स में प्रवेश हेतु किसी भी विषय से ग्रेजुएट होना अनिवार्य है।

    • सूचना प्रौद्योगिकी में एमबीए (MBA in information technology)

    सूचना प्रौद्योगिकी में ऐसे व्यवसायिकों तैयार करने के लिए योजना बनाई गई है जो सूचना और communication technology से संबंधित योजना , डिजाइन ,  चयन , कार्यान्वयन और प्रशासन  को प्रभावशाली तरीके से संचालन कर सकें। व्यापार के क्षेत्र में इनका बहुत ही अहम भूमिका होता है। खासतौर पर  Software solution ki designing और कार्यान्वयन में किसी भी विषय से ग्रेजुएट व्यक्ति  Information technology में mba करने के लिए योग्य माने जाते हैं।

    • आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन (supply chain management)

    Supply chain management (SCM)  के अंतर्गत इवेंट्री प्रबंधन गोदाम और ग्राहक या कंपनी द्वारा ऑर्डर किए गए विभिन्न तरह के सामान के परिवहन की विस्तृत जानकारी दी जाती है । इस कोर्स में प्रवेश हेतु किसी भी विषय से ग्रेजुएट होना अनिवार्य है।

    बैंकिंग के क्षेत्र में –

    B.sc graduation के बाद बैंकिंग के क्षेत्र में  कैरियर बनाना भी एक बेहतरीन  विकल्प है । जिन विद्यार्थियों ने विज्ञान संकाय से अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर लिया हो और अब भी उन्हे बैंकिंग क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने का मन हो तो ये विकल्प उन्हे उनके मंजिल तक पहुंचा सकता है । बैंकिंग उन क्षेत्रों में से है जो रोजगार के अवसरों के कई विकल्प उपलब्ध हैं। क्योंकि यह वित्तीय प्रकिया और बैंक चलाने की प्रगतिशील तरीकों को समझने वाले उम्मीदवारों  को भर्ती करने की निरंतर आवश्यकता होती है।इन क्षेत्रों में कार्यरत पेशेवर को निम्न प्रणालियों में  विशेषज्ञता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

    1. विभिन्न व्यक्तियों और कंपनियों के लिए बजट बनाना।
    2. कानूनी दिशानिर्देशों के अनुसार मौजूदा वित्तीय रिकॉर्ड तैयार करना।
    3. अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों का विश्लेषण करना।
    4. दलाली वित्तीय सौदे।
    5. सर्वोत्तम वित्तीय और निवेश सौदों के बारे में निवेशकों को सलाह देना।

                इसमें निम्नलिखित क्षेत्र चुने जा सकते है –

    • बैंकिंग और वित्त में एमबीए
    • बैंकिंग और वित्त में एमकॉम 
    • बैंकिंग,स्टॉक और बीमा में एमकॉम
    • बैंकिंग प्रबंधन में पीजीडीएम 
    • बैंकिग और वित्तीय सेवाओं में पीजीडीएम
    • वाणिज्य बैंकिंग में व्यवसायिक कार्यक्रम
    • बैंकिंग कानूनों और ऋण प्रबंधन में एडवांस सर्टिफिकेट 

    कुछ short term पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्सेस 

    • रिटेल बैंक में (PGDRB)
    • बैंकिंग परिचालन में
    • बैंकिंग में 

    इस तरह आप इन सभी क्षेत्रों में अपना बेहतर करियर बना सकते हैं और अपने भविष्य को लेकर एक बेहतर सफलता के मुकाम तक पहुंच सकते हैं। 

    इन सबके आलावा बेहतर कैरियर विकल्प है civil services exams की तैयारी करके IAS ,IPS, IFOS IFS ,IAAS ,IDES ,IIS ,IOFS , ICFS,ICAS,ICLS,IPOS ,IRS ,IRAS,IRPS ,IRTS, ITS SSC CGL, SSC GD, के परीक्षाओं में भाग लेकर केंद्रीय प्रशासनिक स्थानों में अपना  बेहतर और सम्मानीय कैरियर बनाना।

    FAQ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

    क्या हम BSc ग्रेजुएशन के बाद भी साइंस के विकल्प के आलावा अन्य क्षेत्रों में भी अपना कैरियर बना सकते हैं

    उत्तर – जी हां आप bsc ग्रेजुएशन के बाद भी  साइंस के अलावा कई क्षेत्रों में अपना कैरियर बना सकते हैं अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।जैसे MA , M.com ,PHD ,BEd ,civil services, MBA , आदि।

    हम चिकित्सकीय क्षेत्र में कैसे अपना कैरियर बना सकते हैं?

    उत्तर – यदि आप एक साइंस ग्रेजुएट उम्मीदवार हैं और आप चिकित्सकीय क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की सोच रहे हैं तो आप NEET की परीक्षा पास कर एक अच्छे चिकित्सक बन सकते हैं,एक अच्छे सर्जन बन सकते हैं,एक अच्छे डॉक्टर बन सकते हैं ।इस तरह आप लोगो को अपना सेवा दे सकते हैं। और अगर आप काम समय में ही इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो आप डिप्लोमा कोर्सेस DMLT ,बीएमएलटी के माध्यम से भी कम समय में अपनी अच्छी पहचान इस क्षेत्र में बना सकते हैं जैसे lab technician, Operation theater , diagnosis आदि।

    किसी भी क्षेत्र में MBA करने के लिए कितनी योग्यता होनी चाहिए?

    उत्तर –  MBA में आवेदन करने के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री होना अनिवार्य है लेकिन ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकते हैं लेकिन  निर्धारित समयावधि के अंतर्गत ग्रेजुएशन की डिग्री सर्टिफिकेट जमा कॉलेज में जमा करना होता है।

    ग्रेजुएशन के बाद आगे की उच्च शिक्षा पूरी करने के क्या फायदे हैं?

    उत्तर – ग्रेजुएशन के बाद आगे की उच्च शिक्षा पूरी करने से हम  किसी एक विषय की गहन अध्ययन करते हैं क्योंकि किसी विषय को केवल ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई से हम उसकी पूरी जानकारी या उस विषय का पूरा ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते है। केवल ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई किसी भी विषय के पूरे ज्ञान के लिए पर्याप्त ही नहीं है ।इसलिए हम उस एक विषय का पूरा ज्ञान तभी अर्जित कर सकते हैं जब हम उस विषय की उच्च शिक्षा प्राप्त करें । तो इस तरह जब हम उच्च शिक्षा से उस विशेष विषय में पूरी शिक्षा प्राप्त कर महारथ हासिल करते हैं हमें उस विषय के बारे में पर ज्ञान प्राप्त करना तथा हमें ये उच्च शिक्षा उस विषय में निपुण बना देता है।

    ग्रेजुएशन के बाद जॉब करने के क्या फायदे हैं।

    उत्तर – ग्रेजुएशन के बाद यदि हम किसी प्राइवेट या सरकारी नौकरी में काम करने लगते हैं तो  इसके कई फायदे हैं

    • अनुभवी 

    हम एक अनुभवी  व्यक्ति बन जाते हैं जॉब करते समय हम अपने आस पास के लोगों और वातारण से कई चीजें सीखने को मिलता हैं जो हमारे जीवन के कई मोड़ पर हमें सही दिशा में आगे बढने और अपनी मंजिल की ओर आगे बढने का अच्छा और बेहतर अवसर देता है।

    • समाजिक संबंध 

    नौकरी करते समय कई लोगों से मिलते उनके साथ समय बिताते हैं जिससे हमारे और उनके बीच का आपसी संबंध बढ़ता है।आपसी ताल मेल अच्छा होने से आपसी समाजिक संबंध मजबूत होता है। और कभी कभी हमें अच्छे और विश्वास योग्य लोग मिल जाते है और जीवन में ऐसे लोगों के होने से हमारा भविष्य का सफर आसान और बेहतर हो जाता है।

    • आत्मनिर्भर

    जब हम नौकरी करते हैं तो हम एक आत्मनिर्भर व्यक्ति बनते हैं। हमारी अपनी छोटी छोटी जरूरतों के लिए हमें अपने माता पिता या किसी और पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होती हम अपनी जरूरतों के लिए अपने आप  पर निर्भर होते हैं। इससे हम खुद तो जिम्मेदार होते ही हैं साथ ही हमारे माता पिता को भी कुछ बहुत मदद कर पाते हैं।

    • सीखने का अवसर

    • जब आप नौकरी करते हुए आगे बढ़ते हैआप कई सारी नई बातों ,कुछ अलग तरह की शिक्षा ,ज्ञान ,अनुभवी लोगों से मेल- मिलाप करने से आपके अंदर सोचने  समझने की शक्ति का विकास होता है आप अपने  वरवर्तमान और भविष्य से जुड़ी सभी चीजों को उन अनुभवी व्यक्तियों की तरह बेहतर करने की कोशिश करते हैं।इस तरह आप अपने आस पास के लोगों और चीजों से बहुत नई बातों को सीखते जाते हैं।

    • संचार कौशल का विकास

    आपके अंदर संचार कौशल का विकास होता है आप जब नौकरी करते हुए अपने कैरियर की ऊंचाइयों को ओर कदम बढ़ाते हैं तो ये संचार कौशल आपको उस मुकाम तक पहुंचने में बहुत मददगार होता है।आपकी अच्छी संचार कौशल लोगों , अधिकारियों के बीच आपकी पहचान को बढ़ा देती है। जिससे आप उनके दृष्टी में एक अपना एक बेहतर नाम, जगह और पहचान बना पाते हैं।

    निष्कर्ष Conclusion

    इस तरह आपके पास B.Sc ग्रेजुएशन के बाद न केवल मेडिकल के क्षेत्र में बल्कि बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जो आपको अपने कैरियर को सफल बनाने में बहुत अच्छे और महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं।

    और आपको ऊंचाईयों तक पहुंचने में मददगार सिद्ध होते हैं। इसमें कई विकल्प ऐसे हैं जिन्हें करके आप अपना ज्ञान और अनुभव तो बढ़ाते ही हैं साथ ही आपके आय का अच्छा स्रोत भी आपके पास उपलब्ध होता है। इससे आप एक ओर आत्मनिर्भर बन जाते हैं वहीं दूसरी ओर आपके घर की  स्थिति में भी सुधार और कुछ मदद हो जाता है ।

    इसके साथ ही कुछ बड़ी सफलता आपके कठिन परिश्रम और लगन के साथ प्राप्त होती है । जिसके लिए आपको अपनी परिथिति के अनुसार मेहनत करना होता है। जैसे कई लोगों को ये अवसर आसानी से मिल जाता है। परिवार, रिश्तेदार सभी उनके सपने तक पहुंचने के सफर में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन कई लोगों को ये सुविधा नहीं मिलती और वो अपने स्थितियों और हालातों के साथ पूरी लगन से मेहनत करते और उस मुकाम तक पहुंचते हैं।

    इस तरह आपकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ही आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाएगा।आप जिस भी क्षेत्र में जाएं आप अपना पूरा मेहनत लगा दें । आपकी सफलता आपके कदमों पर होगी।

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