दक्षिण अमेरिका महाद्वीप -UPSC/State PSC Notes By: Raj Holkar

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प्रिय पाठको, ऑल गवर्नमेंट जॉब इंडिया आपके लिए महत्वपूर्ण भूगोल विषय से दक्षिण अमेरिका महाद्वीप  पर स्टडी नोट्स ले कर आए हैं जिस के Educator – Raj Holkar है। उन्होंने इस  विषय पर बहुत ही सरल शब्दों में  विषय एक एक बिंदु को प्रस्तुत किया है, आप इस नोट्स के द्वारा  UPSC, IAS, MPPSC & Other State PSC’s की परीक्षा की सफलता हेतु उत्तम पाएंगे।

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दक्षिण अमेरिका महाद्वीप

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप को भौगोलिक रूप से 6 भागों में बाँटा जा सकता है –
1.पश्चिमी पर्वत माला (एण्डीज पर्वत माला एवं अन्य पर्वत )
2.गुयाना शील्ड ( उच्च भूमि )
3.ब्राजीलियन शील्ड ( उच्च भूमि )
4.अमेजन बेसिन (अमेजन एवं उसकी सहायक नदियां )
5.घास भूमि ( मोटाग्रासो, कटिंगा, गैनचाको, पम्पास )
6.पटगोनिया पठारी भूमि

पशिचमी पर्वतमाला :
√ एण्डीज पर्वत मालाः यह दक्षिण अमेरिका के पिश्चमी तट के समानान्तर उत्तर से दक्षिण में फैली विश्व की सबसे लम्बी पर्वत माला है । इसकी लम्बाई लगभग 8000 km है। इसका निर्माण प्लेटों के वलन (खिसकाव) के कारण हुआ है इसी कारण इस पर्वत श्रंखला में पाए जाने वाले पर्वत ज्वालामुखी प्रकार के हैं। एण्डीज एक वलित या मोड़दार पर्वत माला है।

√ मा० कोटोपैक्सी : विषुवत रेखा के निकट , इक्वेडोर के एण्डीज पर्वत में अवस्थित कोटोपैक्सी एक सक्रिय ज्वालामुखी है। इसकी ऊँचाई सागर तल से 5896 मीटर है।

√ मा० चिम्बाराजों : इक्वेडोर के विषुवत रेखीय भाग के एण्डीज पर्वत में अवस्थित एक सक्रिय ज्वालामुखी है। इसकी ऊँचाई 6267 मीटर [ oxford Atlas ] है।

√ मा० मिस्टी : यह दक्षिण पेरू में स्थित पर्वत है इसकी ऊँचाई 5822 मीटर है।

√ मा० ओजस डेल सलाडो: यह एण्डीज पर्वतमाला में अर्जेटीना एवं चिली सीमा पर स्थित एक सक्रिय ज्वालामुखी पर्वत है। इसकी ऊँचाई 6893 मीटर है। यह विश्व का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी पर्वत है।

नोटः विश्व का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी ओजस डेल सलोडा है कोटोपैक्सी नहीं। कोटोपैक्सी ( 5896 मी० ) , ओजोस डेल सलाडो (6893 मी०)।

√ माउन्ट एकांकगुआ : यह एण्डीज पर्वतमाला अेर्जेंटीना एवं चिली सीमा पर स्थित लुप्त ज्वालामुखी पर्वत है। यह एण्डीज पर्वतमाला का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है। इसकी ऊंचाई 6960 मी० है।

√ बोलीविया पठारः बोलिबिया का पठार एक अन्तरा पर्वतीय ( दो पर्वतों के बीच स्थित ) पठार है जिसके उत्तर में इल्लीमनी पर्वत एवं दक्षिण में ओलेग पर्वत स्थित हैं।

√ टिटिकाका झीलः सागर तल से 3809 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील एण्डीज पर्वत में पेरू एवं बोलिविया की सीमा पर अवस्थित है। यह विश्व की सबसे ऊंची नौगम्प झील है।

2.गुयाना शील्ड :

इस शील्ड का निर्माण ज्वालामुखी लावा से हुआ है यहाँ लोहा, सोना एवं अन्य खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

3. बजीलियन शील्डः
ब्राजीलीयन उच्च भूमि का विकास प्राचीन काल में हुई भूगर्भिक हलचलों के कारण लावा के जमाव से हुआ इस प्रकार ब्राजीलियन शील्ड (उच्च भूमि / पठार) खनिजों की दृष्टि से सम्पन्न क्षेत्र है। ब्राजीलियन शील्ड में ब्राजील का मध्य, पूर्वी एवं दक्षिणी भाग शामिल है।

4. अमेजन बेसिन :

अमेजन नदी : यह विश्व की दूसरी सबसे लंबी नदी है [ नील नदी प्रथम ] अमेजन नदी की कुल लंबाई 6992 km है।
अमेजन की उत्पत्ति पेरू की नदी रियो मोन्टारों से हुई है।
अमेजन अटलांटिक महासागर में गिरती है।
प्रमुख सहायक नदियां : मडेइरा ( 3250 km ), पुरुस ( 3211 km ), जपुरा, रिओ नोरो, इरिरि आदि नदियां।

=> मडेइरा नदी : यह ब्राजील – बोलीविया सीमा से निकलती है। यह अमेजन नदी की प्रमुख सहायक नदी है। इसकी लम्बाई 3250 km है।

=> पुरूस नदीः यह पेरू से निकलती है एवं अमेजन नदी की मुख्य सहायक नदी है।
=> ब्रांको नदीः यह ब्राजील से निकलती हैं तथा रियोनेग्रो की सहायक नदी है।
=> रियो नेग्रो: यह कोलंनिया उच्च भमि से निकलती है एवं अमेजन नदी में गिरती है।
=> रिओ मोन्टरो नदी: यह पेरू की जुनिन झील से निकलती है। इसका महत्व यह है कि अमेजन नदी की उत्पत्ति इसी नदी से हुई है।

अन्य नदियां :-
पराग्वे नदीः इस नदी की उत्पति ब्राजील के मोटोग्रासो पठार से हुई है यह पराना नदी में गिरती है।
सहायक नदिया – रियो निग्रो, मिरान्डा, बरमेजो आदि नदियां।
यह नदी ब्राजील, बोलीविया, पराग्वे एवं अर्जेंटीना में बहती है।
b.) पराना नदीः यह नदी ब्राजील के मिनास गेरैस क्षेत्र से निकलती है। इसकी एक धारा ब्रजील के मिनास गेरैस क्षेत्र की नदी रिओ ग्राण्डे के मिलने के बाद यह पराना नदी कहलती है।
सहायक नदियां : सलाडो, पराग्वे, रियो ग्राण्डे आदि नदी।
यह नदी अर्जेटीना, ब्रजील एवं परगने में बहती है।
नोटः ब्राजील का मिनास गैरेस क्षेत्र लोहे का विश्व में सबसे बड़ा भण्डार है।

C. उरुग्वे नदीः यह नदी ब्राजील के दक्षिणी भाग से शुरू होती है यह नदी ब्राजील एवं अर्जेटीना की सीमा बनाती है बाद मे यह अर्जेटीना एवं उरूग्वे की सीमा बनाती है।
उरूग्वे नदी एवं पराना नदी मिलकर रियो डे ला प्लाटा की एश्चुअरी का निर्माण करती हैं।
d. कोलोराडो नदीः यह अर्जेटीना में एण्डीज पर्वत से निकलती है और सलाडो नदी में मिल जाती है।
e. सलाडो नदीः यह अर्जेटीना की नदी है जो एण्डीज से निकलती है एवं बाहिया ब्लांका में जाकर डेल्टा बनाती है।
f. ओरीनोको नदीः यह दक्षिण अमेरिका की एक प्रमुख नदी है। यह कोलंबिया एवं वेनेजुला में बहती है। इसकी उत्पति परिमा पहाडी ( वेनेजुला ) से होती है। यह नदी उत्तरी अटलांटिक महासगार में डेल्टा बनाती है।

5. घासभूमिया :

a.लानोस: यह वेनेजुएला की ओरीनोको नदी की घाटी में स्थित बड़ी घास वाला क्षेत्र है। यहाँ गर्मियों में काफी मात्रा में वर्षा होती है परन्तु शीत ऋतु में वर्षा नही होती। यहाँ लम्बी घास पायी जाती है एवं पशु पाले जाते हैं। यहाँ गन्ना, कोको, कहवा और मक्का की खेती होती है।

b. कम्पोस : यह ब्रजील में पाया जाने वाला घास क्षेत्र है। यहॉ पर लंबी घास, कहवा एवं तम्बाकू की पैदावार होती है। पशु पाले जाते हैं।

c. कैटिंगास : यह ब्राजील के पूर्वी भाग में अवस्थित एक मरूस्थलीय वनस्पति प्रदेश है यहाँ वार्षिक वर्षा कम होती है अतः कंटीली एव. जहरीली झाडियां पायी जाती हैं।

नोटः कैटिंग (Caatinga) एवं कटंगा ( katanga ) पठार दोनों के नाम एक जैसे प्रति होते हैं परन्तु कटंगा, कांगो गणराज्य का एक भाग है एवं कटंगा पठार तांबा एवं यूरेनियम के भण्डार के लिए प्रसिद्ध है।

d. ग्रानचोकों : यह एण्डीज के पूर्व पराग्ने नदी के पशिचम [ दोनों के बीच में ] स्थित अत्यंत उपजाऊ मिट्टी ( alluvial sedimentary ) का पठार है। यह बोलीविया, अर्जेटीना एवं पराग्वे में फैला हुआ है। यहाँ पशुओं के लिए शक्तिवर्द्धक पौष्टिक घास होती है उस घास को यहाँ घोडे को खिलाया जाता है एवं मांस का निर्यात किया जाता है। यहाँ पेट्रोलियम भण्डार भी प्राप्त हुए है।

e.पम्पासः यह अर्जेटीना और डरूग्वे में फैले हुए शीतोषण कटिबंधीय घास के मैदान हैं। इस घास के मैदानों में पशुपालन एवं कृषि मुख्य व्यवसाय है। यहाँ गेहूँ तथा जौ की मुख्य खेती की जाती हैं। यहाँ बड़े – बड़े पशु फार्मो में गाय एवं बैल पाले जाते हैं यहाँ से गेहूँ , मांस एवं बीयर का निर्यात होता है।

6. पटगोनियां का पठारः यह पठार अर्जेटीना एवं चिली में फैला हुआ है। यह एक प्रकार का शीतोष्ण कटिबंधीय मरूस्थलीय भाग है।

=> अन्य स्थलीय क्षेत्र :

सेल्वास : यह अमेजन नदी बेसिन में फैले हुए सदाबहार विषुवत रेखीय वन हैं। यहाँ ऊँचे वृक्ष, लताएं, एपीकाइट्स आदि पाए जाते हैं। यह मुख्यतः ब्राजील में फैला हुआ प्रदेश है। यहाँ वर्ष भर वर्षा होती है।
मटोग्रासो पठार : यह मध्य ब्राजील में स्थित पठार है। यहाँ सवाना प्रकार की घास पायी जाती है। यह ब्राजीलियन उच्च भूमि का ही भाग है। यहाँ पशुपालन मुख्य व्यवसाय है।
अटाकमा मरूस्थल : चिली तथा पेरू के तट पर उत्तर से दक्षिण की ओर फैला हुआ अटाकमा मरुस्थल विश्व का सबसे शुष्क मरूस्थल है। यहाँ नाईट्रेट (शोरा), आयोडीन तथा बोरेक्स के विशाल भण्डार हैं।

सुझाव या शिकायत हो तो comment box में बताइये। अगर आप किसी विषय पर लिखना चाहते हैं तो हमें संपर्क करें – allgovtjobsindia@gmail.com

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